सरकार के नुमाइंदे इस मामले में जल्द ही कोई निर्णय लेकर समाधान करेंगे, तो मूंगफली की तुलाई हो जाएगी। इसी उम्मीद में किसानों ने अपनी मूंगफली की ढेरी खरीद केंद्र पर बनाकर उसे तिरपाल से ढाक रखा है। लेकिन दो दिन से बिगड़े मौसम के मिजाज को देखते हुए कहीं उनके मेहनत के मोती और ज्यादा खराब ना हो जाए, इससे किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें नजर आ रही हैं।
उधर, राजफैड द्वारा जारी सूची में 200 किसानों की मूंगफली तुलाई के टोकन जारी किए गए हैं, जिसमें से ५५ किसान खरीद केंद्र पर मूंगफली तुलाई कराने पहुंचे और उसमें भी दो दर्जन से अधिक किसानों की मूंगफली का छिलका काला होने से मूंगफली की तुलाई नहीं की गई।
किसानों में रोष
किसान नेताओं के अनुसार बेमौसम बारिश के दौरान फसल खराबा होने, बीमा कंपनी द्वारा त्वरित कार्यवाही नहीं होने, काले छिलके की मूंगफली में अंदर दाना सही होने के बावजूद समर्थन मूल्य पर खरीद नहीं करने सहित अन्य परेशानी का समाधान नहीं होने से किसान आक्रोशित हो रहे हैं जो कभी भी आंदोलन के रूप मे फूट सकता है।
जसरासर में मूंगफली खरीद केंद्र स्वीकृत
भाजपा देहात जिलाध्यक्ष व विधायक बिहारी लाल बिश्नोई ने बताया कि नोखा क्षेत्र में मूंगफली उत्पादन ज्यादा होने और मूंगफली तुलाई में किसानों को कोई परेशानी ना आए, इसके लिए विभाग के आला अधिकारियों को पत्र लिखकर नोखा क्षेत्र मे एक अतिरिक्त खरीद केंद्र खोलने की मांग की थी।
इस मामले मेें राजफैड के प्रबंध संचालक ने त्वरित कार्यवाही करते हुए जसरासर में मूंगफली तुलाई के लिए एक अतिरिक्त मूंगफली खरीद केंद्र स्वीकृत किया है। शुक्रवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राजफैड प्रबंध संचालक की बैठक हुई, जिसमें नेफेड के प्रबंध संचालक से वार्ता कर मूंगफली की गुणवत्ता के संबंध निर्देश जारी किए गए।