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सुबह के सन्नाटे में रफ्तार ने छीन ली 7 जिंदगियां

locationबीकानेरPublished: Nov 13, 2019 01:19:52 am

Submitted by:

Hari

bikaner news: ठठावता गांव में एक साथ उठी चार अर्थियां तो हर आंख हुई नमभाई-बहन और भाभी की मौत, परिवार पर टूटा कहर

सुबह के सन्नाटे में रफ्तार ने छीन ली 7 जिंदगियां

सुबह के सन्नाटे में रफ्तार ने छीन ली 7 जिंदगियां

बीकानेर. रतनगढ़. देशनोक. देशनोक व पलाना के बीच हुए सड़क हादसे में सात लोगों की जान चली गई। इनमें चार लोग ठठावता गांव के थे। हादसे की सूचना मिलते ही गांव में शोक की लहर छा गई। गांव में दुकानें बंद हो गई। हादसे के शिकार करणीसिंह के घर के आगे रिश्तेदारों, परिजनों व ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई।

दोपहर बाद मृतकों के शव गांव पहुंचे तो घरों में कोहराम मच गया। हर आंख नम थी। शव घर पहुंचे तो परिजनों की रुलाई फूट पड़ी। हादसे में ठठावता गांव के चार व्यक्ति चिरनिद्रा में सो गए, जो आपस में रिश्तेदार थे। हादसे में जीप चालक श्रवण शर्मा, करणीसिंह व उनकी पत्नी मीना कंवर व श्रवणसिंह की मौत हो गई थी।

दोनों बच्चे हो गए अनाथ
पुलिस के अनुसार ठठावता निवासी करणीसिंह सेना में थे। वे एक माह पहले ही सेवानिवृत्त होकर गांव लौटे थे। इनके दो बेटे हैं। दोनों पढ़ रहे हैं। दुर्घटना में इनकी मां की भी मौत हो गई। एेसे में दोनों बच्चों के सिर से मां-बाप का साया उठ गया। वहीं करणीसिंह की बहन शायर कंवर की भी हादसे में मौत हो गई। करणीसिंह व पत्नी मीना की चिता एक साथ जली तो लोगों की रुलाई फूट पड़ी। उनके बड़े पुत्र शक्तिसिंह व छोटे पुत्र अभयसिंह ने मुखाग्नि दी।

ढांढ़स बंधाने पहुंचे लोग
हादसे की सूचना मिलते ही गांव के लोग पीडि़त परिवारों को ढांढ़स बंधाने पहुंचे। ग्रामीणों ने कहा कि यह गांव 350 साल पुराना है। इस प्रकार एक साथ इतनी मौतें गांव में कभी नहीं हुई। हादसे से पूरा गांव सदमे में है।

गांव में नहीं जले चूल्हे
हादसे के कारण गांव में चूल्हे तक नहीं जले। शव शाम को बीकानेर से ठठावता पहुंचे और शाम को ही अंत्येष्टि कर दी गई। मृतकों में चार इसी गांव के निवासी थे और तीन मृतक इसी परिवार के करीबी रिश्तेदार थे।

टूट गया लाठी का सहारा
जीप मालिक श्रवण शर्मा पर पूरे परिवार के पालन-पोषण की जिम्मेदारी थी। वह मां-बाप का इकलौता बेटा था। मृतक श्रवण के पिता रुंधे गले से बस इतना ही बोल पा रहे थे कि हमारे बुढ़ापे का सहारा छिन गया। यह कहते हुए वह रो पड़े। श्रवणसिंह बीरमसर गांव में वन विभाग में गार्ड था। उसके दो लड़के, दो लड़कियां है। पिता के अचानक यूं चले जाने से परिवार सदमे से उबर ही नहीं पा रहा है।

पीबीएम प्रशासन अलर्ट
हादसे की सूचना मिलने पर एसपी मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. एचएस कुमार, पीबीएम अधीक्षक डॉ. पीके बैरवाल ने ट्रोमा के चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ को अलर्ट कर दिया।
वहीं घायलों की इलाज के लिए अतिरिक्त शल्य चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई। घायलों की कुशलक्षेम पूछने अस्पताल पहुंचे जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने अस्पताल के अधिकारियों को घायलों के इलाज के पुख्ता बंदोबस्त करने तथा उपखंड अधिकारी रिया केजरीवाल को घायलों के उपचार की मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए।
नहीं पहुंच पाई 108 एम्बुलेंस
सोमवार रात को बड़ी संख्या में लोग करणी माता की ओरण परिक्रमा में गए थे। इसलिए राजमार्ग पर काफी भीड़ थी। ऐसे में 108 एम्बुलेंस घटनास्थल पर नहीं पहुंच पाई। इस पर देशनोक थानाधिकारी अनोपसिंह ने घायलों को पुलिस जीप से पीबीएम अस्पताल पहुंचाया।

राहगीरों ने की मदद
हादसा सुबह करीब साढ़े पांच बजे हुआ। बस की टक्कर से जीप पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। जीप चालक व आगे बैठे लागों के शव जीप में फंस गए। दो महिलाओं के शव सड़क पर गिर गए। तीन सवारियां जीप में फंस गर्ई, जिन्हें राहगीरों की मदद से बाहर निकाला गया। तब पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंच गई। बाद में पुलिस ने घायलों को अस्पताल भिजवाया।
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