यह है नियम
नियमानुसार सामान्य श्रेणी का कृषि कनेक्शन लेने के लिए पहले आवेदन करना होता है। फिर नंबर आने पर विद्युत निगम की ओर से मांगे गए डिमांड राशि का भुगतान कर कुआं चालू किया जाता है। लेकिन जसरासर क्षेत्र में एक फरवरी 2012 के बाद से अब तक एक भी किसान को कृषि कनेक्शन नहीं दिया गया है। करीब एक हजार से भी अधिक किसानों की फाइलें आज भी लम्बित है।
बूंद-बूंद श्रेणी का कनेक्शन लेना मजबूरी
सामान्य श्रेणी का कृषि विद्युत कनेक्शन नहीं मिलने से किसानों को मजबूरी में बूंद-बूंद श्रेणी का कनेक्शन लेना पड़ रहा है। इस कनेक्शन का बिजली बिल सामान्य श्रेणी से तीन गुना ज्यादा आता है। करीब तीन साल बाद यह कनेक्शन सामान्य श्रेणी में बदलता है।
पांच साल बाद भी नहीं आया नंबर
वर्ष 2013 में सामान्य श्रेणी कृषि विद्युत कनेक्शन के लिए फाइल लगाई थी, लेकिन पांच वर्ष इंतजार करने के बाद भी नम्बर नहीं आया। लगातार गिरते जल स्तर के कारण मजबूरी में वर्ष 2018 में बून्द बून्द सिंचाई श्रेणी का कनेक्शन लिया जिसका बिजली बिल सामान्य श्रेणी से तीन गुना अधिक आता है।
भीख नाथ, किसान।
दे रहे हैं लम्बित फाइलों की सूचना
कृषि विद्युत कनेक्शन जारी करने की घोषणा राज्य सरकार करती है। अभी तक 31 जनवरी 2012 तक की फाइलों के कनेक्शन जारी कर दिए गए हैं। एक फरवरी 2012 के बाद से अब तक करीब एक हजार से अधिक किसानों की फाइलें लम्बित है जिसकी सूचना समय समय पर विभाग को दे रहे है।
रामकुमार विश्नोई,सहायक अभियंता विधुत विभाग।