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सरकारी कार्यालयों का हाल: अब भी जारी है देर से आने और जल्दी जाने का सिलसिला

locationबीकानेरPublished: Jun 15, 2019 10:55:33 am

Submitted by:

Jaibhagwan Upadhyay

जिला कलक्टर कुमारपाल गौतम ने छह महीने के कार्यकाल के दौरान शहर की प्रमुख समस्याओं, सरकारी कार्यालयों के ढर्रे में सुधार और शहर के सौंदर्यीकरण को लेकर निरीक्षण किया, निर्देश दिए और बैठकें भी की। इन सबके बावजूद इन प्रमुख मुद्दों के जमीनी हालात में क्या बदलाव आए, इसकी पड़ताल ‘राजस्थान पत्रिकाÓ ने शुरू की है। तीसरी कड़ी में आज शहर के सरकारी दफ्तरों में लेटलतीफ आने वाले कार्मिक-अधिकारियों को लेकर रिपोर्ट-

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सैटेलाइट अस्पताल @10.05

बीकानेर . सरकारी कार्यालयों के अधिकारी और कार्मिक पुराने ढर्रे पर आ गए हैं। कार्यालय खुलने के घंटों बाद आना और दफ्तर बंद होने से पहले चले जाना आम हो गया है। अधिकारियों की कुर्सी को ताकते लोगों की तकलीफ को देखने वाला कोई नहीं है।जिला कलक्टर गौतम पदभार संभालते ही सरकारी ढर्रे को बदलने निकले थे। लेटलतीफ आने वाले कार्मिक-अधिकारियों को फटकराने वाले कई वीडियो और फोटो सोशल मीडिया में वायरल हुए तो लोगों को लगा कि अब सुधार होगा, लेकिन छह माह बाद भी स्थिति वही ढाक के तीन पात नजर आ रही है।

पिछले दिनों कार्मिक विभाग की टीम में शामिल अधिकारियों ने जब सरकारी कार्यालयों का निरीक्षण किया तो वे भी हैरान रह गए। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि १२७ राजपत्रित अधिकारियों में से २५ एवं ९४७ अराजपत्रित में से १०८ कार्मिक जांच के दौरान अनुपस्थित थे। जाहिर है कि सरकारी व्यवस्था की निगरानी नहीं हो रही है। शुक्रवार को राजस्थान पत्रिका ने उस जलदाय विभाग का जायजा भी लिया, जहां कलक्टर गौतम पदभार संभालते ही व्यवस्था देखने निकले थे।
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उस समय भी अफसर सीट से नदारद थे और शुक्रवार को भी सीट खाली दिलाई दी। कमोबेश कुछ एेसे ही हाल सैटेलाइट अस्पताल, शिक्षा विभाग, रसद विभाग और नगर विकास न्यास कार्यालय में दिखाई दिए, जबकि ये आमजन से जुड़े विभाग हैं।
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