इतना ही नहीं चिकित्सकों ने मरीज का ऑपरेशन के साथ-साथ उसकी रहने व खाने की व्यवस्था भी की। डॉ. जयश्री मुरलीमनोहर ने बताया किा मोहनराम आर्थिक स्थिति से कमजोर है। दिव्यांग होने के साथ-साथ आंखों की रोशनी जाने से अंधा हो गया। पिछले दो साल से वह अंधेपन से जूझ रहा था। अब सप्ताभर पहले उसकी एक आंख का ऑपरेशन किया गया और सोमवार को दूसरी आंख का भी ऑपरेशन कर दिया गया। अब मोहनलाल देखने लगा है।
भगवान हैं चिकित्सक
बचपन से दिव्यांग था अब आंखों की रोशनी जाने से टूट चुका था। पीबीएम के चिकित्सक भगवान बनकर आए और मेरी जिंदगी में उजाला कर दिया। अब मैं देख सकता हूं। आंखों की रोशनी आने से अब किसी के अधीन नही रहूंगा। व्हीलचेयर पर कहीं आ जा सकूंगा और अपना काम कर सकूंगा।
मोहनराम, मरीज