मेडिकल कॉलेज में एक समय लैब टेक्नीशियनों के 65 पद हुआ करते थे। लेकिन धीरे-धीरे पद कम होते गए। इस समय 48 पदों पर लैब टेक्नीशियन कार्यरत हैं। पीबीएम अस्पताल में करीब 70 लैब टेक्नीशियन कार्यरत हैं। यह वे पद हैं, जो साल 2008 में स्वीकृत हुए थे। जबकि तब से लेकर अब तक मरीजों की संख्या और शहर की आबादी दोनों में गुणात्मक वृद्धि हुई है। इस समय मरीजों की संख्या को देखते हुए कम से कम 50 और लैब टेक्नीशियन की जरूरत महसूस की जा रही है।
13 हजार मरीजों की 14 हजार जांचे
एक अनुमान के मुताबिक इस समय अस्पताल में प्रतिदिन औसतन 13 हजार मरीजों की विभिन्न तरह की करीब 14 से 15 हजार जांचें की जाती हैं। जबकि मार्च में विभिन्न तरह की जांचों की संख्या दस हजार ही थी। गौरतलब है कि अप्रेल से सरकार ने सभी तरह की जांचों को फ्री कर दिया है।कई तरह के विभागों के अलग भवन बने
जैसे-जैसे मरीजों की संख्या बढ़ती गई। वैसे-वैसे विभागों के नए भवन भी बनते रहे। लेकिन लैब टेक्नीशियनों की संख्या नहीं बढ़ाई गई। अस्पताल परिसर में यूरोलॉजी विभाग, प्रसूति रोग विभाग, ट्रोमा सेंटर, डायबिटीज सेंटर, जिरियाट्रिक क्लीनिक, टीबी अस्पताल, मानसिक रोग विभाग, सुपर स्पेशियलिटी यूनिट आदि कई नए भवन बन गए हैं लेकिन लैब टेक्नीशियनों की संख्या नहीं बढ़ी है।
अधीक्षक को सौंपा पत्र
अखिल राजस्थान लैबोरेट्री टेक्नीशियन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महावीर प्रसाद सारस्वत का कहना है कि उन्होंने अस्पताल के अधीक्षक को पदों की संख्या बढ़ाने के संबंध में मांग पत्र सौंपा है। पत्र में मांग की गई है कि लैब टेक्नीशियनों के पुराने स्टाफिंग पैटर्न में बदलाव के साथ ही नए पद भी सृजित किए जाएं।