इन्हें देखिए। बीकानेर की सड़कों पर लोहे के सरिये, गर्डर, पाइप, टिन शेड रख कर (बांध कर) सरपट दौड़ते ये वाहन दरअसल हादसों को न्योता देते दिख रहे हैं। हमारी दिक्कत यही है कि यह सब आमतौर पर तो सामान्य सी घटना दिखती है, लेकिन जब इन्हीं से हादसों में जनहानि होती है, तब Òब्लेमगेमÓ यानी दोषारोपण का दौर शुरू होता है। तो पहले ही क्यों नहीं सवाल-जवाब कर लें। सवाल यही कि शहर के गंगानगर रोड, पूगल रोड, गजनेर रोड पर मंगलवार को जब यह लदे-फंदे वाहन दौड़ रहे थे, तो किसी गली-चौराहे, नुक्कड़, तिराहे पर क्या किसी भी यातायात पुलिसवाले की निगाह इस पर नहीं पड़ी? अगर पड़ी, तो िफिर ये कैसे निकल आए। काबिलेगौर है कि सोमवार को ही जयपुर में ऐसे ही लोड वाहन के सरियों से कार सवार एक लैब टेक्नीशियन की मौत हो गई थी, जबकि एक चिकित्सक गंभीर रूप से घायल हो गए। गौरतलब है कि बीकानेर की यह तस्वीर न तो पहली है और न ही आखिरी...रोज ऐसे दर्जनों वाहन बेरोक-टोक दौड़ते दिख जाते हैं।- फोटो - नौशाद अली
इन्हें देखिए। बीकानेर की सड़कों पर लोहे के सरिये, गर्डर, पाइप, टिन शेड रख कर (बांध कर) सरपट दौड़ते ये वाहन दरअसल हादसों को न्योता देते दिख रहे हैं। हमारी दिक्कत यही है कि यह सब आमतौर पर तो सामान्य सी घटना दिखती है, लेकिन जब इन्हीं से हादसों में जनहानि होती है, तब Òब्लेमगेमÓ यानी दोषारोपण का दौर शुरू होता है। तो पहले ही क्यों नहीं सवाल-जवाब कर लें। सवाल यही कि शहर के गंगानगर रोड, पूगल रोड, गजनेर रोड पर मंगलवार को जब यह लदे-फंदे वाहन दौड़ रहे थे, तो किसी गली-चौराहे, नुक्कड़, तिराहे पर क्या किसी भी यातायात पुलिसवाले की निगाह इस पर नहीं पड़ी? अगर पड़ी, तो िफिर ये कैसे निकल आए। काबिलेगौर है कि सोमवार को ही जयपुर में ऐसे ही लोड वाहन के सरियों से कार सवार एक लैब टेक्नीशियन की मौत हो गई थी, जबकि एक चिकित्सक गंभीर रूप से घायल हो गए। गौरतलब है कि बीकानेर की यह तस्वीर न तो पहली है और न ही आखिरी...रोज ऐसे दर्जनों वाहन बेरोक-टोक दौड़ते दिख जाते हैं।- फोटो - नौशाद अली