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बीकानेर

परिवाद की जांच कर सकेंगे कांस्टेबल

पुलिस महकमे में जांच के अभाव में कई प्रकरण लंबित है और हर साल यह संख्या बढ़ रही है। अब लंबित प्रकरण कम करने की कवायद शुरू की गई है।

बीकानेरApr 29, 2019 / 11:41 am

Jai Prakash Gahlot

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परिवाद की जांच कर सकेंगे कांस्टेबल

बीकानेर. पुलिस महकमे में जांच के अभाव में कई प्रकरण लंबित है और हर साल यह संख्या बढ़ रही है। अब लंबित प्रकरण कम करने की कवायद शुरू की गई है। पुलिस मुख्यालय ने नई पहल करते हुए थाने में आने वाले छिटपुट मामलों की जांच बीट कांस्टेबल से कराने पर सहमती दी है। अब बीट कांस्टेबल को अधिकार दिया गया है कि वह अपने क्षेत्र में किसी आपराधिक तत्व के शांतिभंग करने की आशंका पर निरोधात्मक कार्रवाई कर सकेगा। इसके लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अपराध शाखा, जयपुर) भगवानलाल सोनी ने प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों को परिपत्र जारी कर निर्देश दिए हैं। सोनी ने बताया है कि बीट कांस्टेबल 107/116 सीआरपीसी में परिवाद की जांच करेंगे। इसके लिए थानाधिकारी व बीट प्रभारी उनकी मदद करेंगे।
संपर्क सभा में उठा था मुद्दा
पुलिस महानिदेशक कपिल गर्ग पिछले माह बीकानेर आए थे। उन्होंने १७ मार्च को पुलिस लाइन में जिले के सभी पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों की संपर्क सभा ली। इसमें बीट कांस्टेबल को 107/116 सीआरपीसी के परिवाद की जांच कराने तथा समन, जमानती व गिरफ्तारी वारंट वांछित व्यक्ति के निवास स्थल वाले संबंधित थाने के माध्यम से कराने का मुद्दा उठाया गया था। इन मुद्दों पर पुलिस मुख्यालय में मंथन करने के बाद अब प्रदेश
के सभी थानों को निर्देश जारी किए गए हैं।
यह है 107/116 सीआरपीसी
अपराध होने से पहले की जाने वाली कार्रवाई। अपराध करने वाले को पहले ही चेतावनी देना कि उससे शांतिभंग होने की आशंका है। उसके खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई की जा सकती है, जिसे प्रिवेंटिव एक्शन भी कहते हैं। इस कार्रवाई के तहत उसे छह माह के लिए पाबंद कराया जा सकता है। इस दौरान यदि वह दो महीने बाद भी किसी मामले में नामजद होता है तो उसे शेष माह के लिए सीधा जेल भेजा जा सकता है।
परिपत्र में यह दिए निर्देश

थानों में धारा 107/116 के परिवाद की जांच बीट कांस्टेबल से कराई जाए।
जिलों में सम्मन, जमानती वारंट, गिरफ्तारी वारंट वांछित व्यक्ति के निवास स्थल वाले संबंधित थानों के माध्यम से ही कराए जाए।
बीट कांस्टेबल अपने क्षेत्र में सभी अवैध गतिविधियों की सूचना बीट बुक में अंकित करेंगे तथा बीट प्रभारी व थानाधिकारी को जानकारी देंगे। इस सूचना पर कार्रवाई का अधिकार बीट प्रभारी व थानाधिकारी को है।
बीट कांस्टेबलों को अधिकार दिया

वर्तमान में अधिकतर कांस्टेबल स्नातक तक शिक्षित हैं। थानों में मामलों की पेंडेंसी हर साल बढ़ती जा रही है। पेंडेंसी को कम करने के लिए बीट कांस्टेबलों को सशक्त व परिपक्व बनाने के लिए १०७/११६ सीआरपीसी परिवादी की जांच का अधिकार दिया गया है।
प्रदीप मोहन शर्मा, पुलिस अधीक्षक, बीकानेर।

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