पुलिस महानिदेशक कपिल गर्ग पिछले माह बीकानेर आए थे। उन्होंने १७ मार्च को पुलिस लाइन में जिले के सभी पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों की संपर्क सभा ली। इसमें बीट कांस्टेबल को 107/116 सीआरपीसी के परिवाद की जांच कराने तथा समन, जमानती व गिरफ्तारी वारंट वांछित व्यक्ति के निवास स्थल वाले संबंधित थाने के माध्यम से कराने का मुद्दा उठाया गया था। इन मुद्दों पर पुलिस मुख्यालय में मंथन करने के बाद अब प्रदेश
के सभी थानों को निर्देश जारी किए गए हैं।
अपराध होने से पहले की जाने वाली कार्रवाई। अपराध करने वाले को पहले ही चेतावनी देना कि उससे शांतिभंग होने की आशंका है। उसके खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई की जा सकती है, जिसे प्रिवेंटिव एक्शन भी कहते हैं। इस कार्रवाई के तहत उसे छह माह के लिए पाबंद कराया जा सकता है। इस दौरान यदि वह दो महीने बाद भी किसी मामले में नामजद होता है तो उसे शेष माह के लिए सीधा जेल भेजा जा सकता है।
जिलों में सम्मन, जमानती वारंट, गिरफ्तारी वारंट वांछित व्यक्ति के निवास स्थल वाले संबंधित थानों के माध्यम से ही कराए जाए।
बीट कांस्टेबल अपने क्षेत्र में सभी अवैध गतिविधियों की सूचना बीट बुक में अंकित करेंगे तथा बीट प्रभारी व थानाधिकारी को जानकारी देंगे। इस सूचना पर कार्रवाई का अधिकार बीट प्रभारी व थानाधिकारी को है।
प्रदीप मोहन शर्मा, पुलिस अधीक्षक, बीकानेर।