सलमा दो दिन से बाल शिशु गृह और जीआरपी अधिकारियों के चक्कर लगा रही है। अधिकारी उससे अरबाज के उसका बेटा होने का प्रमाण मांग रहे हैं, जबकि उसके पास कोई पहचान पत्र, राशन कार्ड या अन्य कोई प्रमाण नहीं है। सलमा ने बताया कि वह दो दिन से अधिकारियों के सामने गिड़गिड़ा रही है, लेकिन बेटे से मिलने तक नहीं दे रहे।
सलमा अपने परिवार के साथ खुले आसमान के नीचे रह रही है। वह दिनभर कचरा बीनती है,
जिससे अपना और बच्चों का पेट भरती है। गर्मी में पेड़ की छांव और बारिश में दुकानों के शेड व दीवार की ओट का सहारा लेते हैं। परिवार में किसी भी सदस्य का आधार कार्ड, वोटर आइडी कार्ड नहीं है। उनके पास कोई फोटो तक नहीं है।
सलमा ने दो दिन से कुछ नहीं खाया। उसने रोते हुए बताया कि हमारे पास न आधार कार्ड है, ना कोई अन्य प्रमाण पत्र। मेरे बेटे को देना तो दूर उससे मिलने भी नहीं दे रहे। उसने भरी आंखों से कहा कि कागज का प्रमाण नहीं है तो क्या मेरा बेटा मुझे कभी नहीं मिलेगा। इसके बाद सलमा रोने लगी तो उसकी ननद साबीरा ने उसे संभाला।