डॉ. अनिल कौशिक ने बताया कि निरीक्षण के बाद यह मामला बीसीआइ में अटका हुआ था। उच्च शिक्षा मंत्री भंवरसिंह भाटी ने प्रयास किए और बार काउंसिल ऑफ इंडिया को पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए पत्र भी लिखा गया था।
प्रदेश में १५ सरकारी लॉ कॉलेजों को बीसीआइ की ओर से अभी तक मान्यता नहीं मिली है, जबकि महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय को मान्यता मिल गई है। सरकारी लॉ कॉलेजों में मान्यता नहीं मिलने से छात्रों में काफी रोष है। कॉलेज के अधिकारियों ने बताया कि बीसीआइ ने प्रदेश के एक भी सरकारी लॉ कॉलेज का निरीक्षण नहीं किया है। सीकर के लॉ कॉलेज का बिना निरीक्षण ही एक साल बढ़ा दिया है। एेसे शेष लॉ कॉलेज भी एक साल बढ़ाने की मांग कर रही है। पिछले साल भी बीसीआइ ने अक्टूबर में मान्यता दी थी।
एमजीएसयू में २००४ से एलएलबी पाठ्यक्रम शुरू किया गया। करीब १३ साल तक एलएलबी पाठ्यक्रम स्ववित्त पोषित योजना के तहत चला है। वर्ष २०१७ में बीसीआइ की अनमुति न मिलने के बाद पाठ्यक्रम को बंद कर दिया गया। इसके बाद से विवि प्रशासन बीसीआइ से अनुमति के लिए प्रयास कर रहा था।
बीसीआइ से अधिकृत रूप से एलएलबी के लिए मान्यता मिल गई है। राज्य सरकार ने एक प्रोफेसर व १० असिस्टेंट प्रोफेसर के पद स्वीकृत किए थे। सरकार से अनुमति मिलते ही नियमित फैकेल्टी के लिए प्रयास किए जाएंगे।
प्रो. भागीरथसिंह बिजारणियां, कुलपति, एमजीएसयू बीकानेर