ये हैं दुर्घटनाओं के बड़े कारण
हाईवे से सटे गांवों में सड़क सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने होंगे ताकि लोग अचानक मुख्य सड़क पर न आएं। हाईवे पर आवारा पशु दुर्घटना का कारण बनते हैं। प्रशासन को चाहिए कि वह ऐसी व्यवस्था करें ताकि सड़क पर आवारा पशु न आए। कई वाहन चालक रात के समय वाहनों को बेतरतीब खड़ा कर देते है, ऐसे में जिन स्थानों पर रात में प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है, वहां दुर्घटनाएं हो जाती है और लोगों को जान गंवानी पड़ती है।
हाईवे से सटे गांवों में सड़क सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने होंगे ताकि लोग अचानक मुख्य सड़क पर न आएं। हाईवे पर आवारा पशु दुर्घटना का कारण बनते हैं। प्रशासन को चाहिए कि वह ऐसी व्यवस्था करें ताकि सड़क पर आवारा पशु न आए। कई वाहन चालक रात के समय वाहनों को बेतरतीब खड़ा कर देते है, ऐसे में जिन स्थानों पर रात में प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है, वहां दुर्घटनाएं हो जाती है और लोगों को जान गंवानी पड़ती है।
जनवरी से अब तक हुए हादसे
दिनांक मौत
०३ जनवरी १
०९ जनवरी १
२८ अप्रेल १
०५ मई ९
२८ मई २
०४ जुलाई १
९ सितंबर १
२६ सितंबर १
०१ अक्टूबर १
०४ नवंबर १
१४ नवंबर ६ ‘दिल रो रहा था, मन कठोर कर रखा था’
श्रीडूंगरगढ़ के धर्मास गांव के पास बुधवार सुबह हुआ हादसा तेज गति के कारण हुआ। हादसे की सूचना मिलते ही मैं श्रीडंूगरगढ़ सीआई प्रदीपसिंह चारण, हैडकांस्टेबल दयानंद, कांस्टेबल मुकेश, योगेश, महेन्द्र के साथ मौके पर पहुंचा। हादसे ने छह जिंदगियां लील ली। पूरी सड़क खून से सनी हुई थी। घटनास्थल का नजारा काफी हृदय विदारक था। वाहन में दो शव तो बुरी तरह फंसे हुए थे, जिन्हें निकालने में भी दो घंटे लग गए। मैंने मेरे जीवन में एेसा हृदयविदारक हादसा कभी नहीं देखा। हादसा देख रूह कांप गई। दिल रो रहा था, मन कठोर कर रखा था, बस आंखों में आंसू ही नहीं आए। मन कठोर कर शवों को पीबीएम मोर्चरी पहुंचाया। भगवान एेसी मौत तो दुश्मन की भी नहीं आए।
सज्जनसिंह, एएसआई, श्रीडूंगरगढ़ थाना
दिनांक मौत
०३ जनवरी १
०९ जनवरी १
२८ अप्रेल १
०५ मई ९
२८ मई २
०४ जुलाई १
९ सितंबर १
२६ सितंबर १
०१ अक्टूबर १
०४ नवंबर १
१४ नवंबर ६ ‘दिल रो रहा था, मन कठोर कर रखा था’
श्रीडूंगरगढ़ के धर्मास गांव के पास बुधवार सुबह हुआ हादसा तेज गति के कारण हुआ। हादसे की सूचना मिलते ही मैं श्रीडंूगरगढ़ सीआई प्रदीपसिंह चारण, हैडकांस्टेबल दयानंद, कांस्टेबल मुकेश, योगेश, महेन्द्र के साथ मौके पर पहुंचा। हादसे ने छह जिंदगियां लील ली। पूरी सड़क खून से सनी हुई थी। घटनास्थल का नजारा काफी हृदय विदारक था। वाहन में दो शव तो बुरी तरह फंसे हुए थे, जिन्हें निकालने में भी दो घंटे लग गए। मैंने मेरे जीवन में एेसा हृदयविदारक हादसा कभी नहीं देखा। हादसा देख रूह कांप गई। दिल रो रहा था, मन कठोर कर रखा था, बस आंखों में आंसू ही नहीं आए। मन कठोर कर शवों को पीबीएम मोर्चरी पहुंचाया। भगवान एेसी मौत तो दुश्मन की भी नहीं आए।
सज्जनसिंह, एएसआई, श्रीडूंगरगढ़ थाना