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हवन में आहुतियां, रखा व्रत सुनी कथा

locationबीकानेरPublished: Jan 29, 2022 06:53:21 pm

षटतिला एकादशी पर घर-घर और मंदिरों में हुए धार्मिक अनुष्ठान

हवन में आहुतियां, रखा व्रत सुनी कथा

हवन में आहुतियां, रखा व्रत सुनी कथा

बीकानेर. षटतिला एकादशी शुक्रवार को विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों के आयोजन के साथ मनाई गई। श्रद्धालु लोगों ने एकादशी का व्रत किया और हवन में आहुतियां दी। घर-घर और मंदिरों में नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र की गूंज रही। षटतिला एकादशी पर लोगों ने भगवान विष्णु का पूजन कर आरती की। षटतिला एकादशी पर तिल के विशेष महत्व के कारण श्रद्धालु लोगों ने पानी में तिल डालकर स्नान किया। व्रत का पारणा तिल से बनी खाद्य वस्तुओं का ग्रहण कर किया। हवन में भी तिल -साकळ से आहुतियां दी गई। श्रद्धालु लोगों ने एकादशी व्रत की कथा भी सुनी ज्योतिषाचार्य पंडित राजेन्द्र किराडू के अनुसार शास्त्रों और पुराणों में षटतिला एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है। षटतिला एकादशी पर होने वाले हवन में गोवर से बनी पिंडोलियां (उपला) की हवन में आहुतियां देने का विशेष महत्व है।

 

घरों व मंदिरों में गूंजे मंत्र
षटतिला एकादशी पर घरों और मंदिरों में मंत्रों की गूंज रही। शहर के विभिन्न मंदिरों में हवन-पूजन और कथा श्रवण के आयोजन हुए। मंत्रोच्चारण के बीच हवन में आहुतियां दी गई। घरों में घर -परिवार के सदस्यों ने हवन-पूजन किए। जस्सूर गेट के बाहर स्थित करणी माता मंदिर में हवन-पूजन का आयोजन हुआ। प्रकाश महाराज के अनुसार श्रद्धालुओं ने १०८ आहुतियां ओम नमो भगवते वासुदेवाय के स्वरों के बीच दी।शहर के विभिन्न मंदिरों में अलसुबह से शुरु हुए धार्मिक अनुष्ठान दिन भर चलते रहे। महिलाओं ने सामूहिक रुप से षटतिला एकादशी व्रत कथा को सुना। श्रद्धालु लोगों ने तिल से बनी खाद्य वस्तुओं का दान -पुण्य भी किया।

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