सालों पहले आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों के लोग इस परम्परा के निर्वहन के दौरान बड़ी संख्या में मौजूद रहते थे, और मिट्टी में दबी मटकी में मिलने वाले जल अथवा मटकी के खाली रहने के आधार पर बारिश होने एवं अच्छी फसल अर्थात जमाने का अनुमान लगाते थे। हालांकि विज्ञान की कसौटी पर इस परम्परा को चाहे सही नहीं माना जा सकता हो, लेकिन दशकों से आमजन में इस परम्परा के प्रति काफी विश्वास है। इस बार बुधवार को इस परम्परा का निर्वहन किया गया।