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बॉलीवुड से भी प्रसिद्ध हैं बीकानेर की जुगल-जोडि़यां, देश-विदेश में बढ़ाया बीकाणा मान

locationबीकानेरPublished: Jan 01, 2020 08:33:04 pm

Submitted by:

Atul Acharya

बॉलीवुड से भी प्रसिद्ध हैं राजस्थान की यह जुगल-जोडि़यां

प्रेम-सौहार्द की मिसाल: बॉलीवुड से भी प्रसिद्ध हैं बीकानेर की जुगल-जोडि़यां, देश-विदेश में बढ़ाया बीकाणा मान

दो भाइयों की जोड़ीहीरालाल-पन्नालाल, (मिठाई-नमकीन व्यापारी), केशरीचंद-माणकचंद (कपड़ा व्यापारी), राधाकिशन-सूरजमल, सन्ना-मुन्ना (किराना व्यापारी), मांगीलाल-मोतीलाल (पान मसाला व्यापारी), जैसराज-मोतीलाल (सुपारी व्यापारी), मूलसा-फूलसा, लाला-किन्दीया, अणजी-मूलजी, रूपचंद-मोहन लाल, लल्लू-कल्लू, रमणसा-झमणसा, मेघजी-प्रेमजी, लोढ़ा-मोढ़ा, चकोर-मकोर, दुला-बुला, ललिया-भलिया, लाला-छीना, अली-गाजिया, आशिया-टाटिया, ममुड़ो-श्यामुड़ो, बांटी-गुटकी, बालू-भालू, टीटी-सीटी, सीटी-पीटी, अलख-पलख, नू-भा, ओमी-सोमी सरीखे और

-जयभगवान उपाध्याय

बीकानेर. बॉलीवुड में कल्याणजी-आनंदजी, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, शंकर-जयकिशन, नदीम-श्रवण, जतिन-ललित जैसी दर्जनों संगीतकारों की जोडि़यों ने अपनी काबिलियत के दम पर देश-विदेश में नाम कमाया है। ठीक वैसे ही बीकानेर में भी दो भाइयों और पिता-पुत्र की जोडि़यों ने साझा व्यापार कर देश-विदेश में उपलब्धि हासिल की है। साथ ही संयुक्त परिवार में रहकर समन्वय और सौहार्द कायम किया है। यहां एक-दो नहीं, बल्कि सैकड़ों एेसे भाई और पिता-पुत्र हैं, जिनकी जुगल-जोड़ी ने व्यापार जगत में धाक जमाई है और देश-विदेश में बीकानेर की ब्रांडिंग भी की है। बीकानेर में दर्जनों प्रतिष्ठान दो भाइयों और पिता-पुत्र के नाम से खुले हैं और पीढि़यों बाद भी उनके परिजनों ने उनके नाम और प्रतिष्ठा को बनाए रखा है। इस प्रकार की मिसाल शायद ही कहीं और मिले। टूटते परिवारों के दौर में नजीर स्थापित करने वाले इन लोगों से बात की तो कई रोचक तथ्य सामने आए। उन्होंने बीकानेर की संस्कृति, धर्म, पुरखों के दिए संस्कार और आपसी मेल-जोल के भाव कूट-कूट कर भरे हैं। उन्होंने अपने अनुभव कुछ इस तरह साझा किए-

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