इसके बाद सवारी पुन: जूनागढ़ जनाना ड्योढी पहुंची। पं. गंगाधर व्यास ने बताया कि इससे पहले जनाना ड्योढी में तीज माता का पूजन किया गया। महिलाओं ने गीत-नृत्य प्रस्तुत किए। सड़क के दोनों ओर खड़े बीकानेर राजपरिवार के पंडित राधा कृष्ण श्रीमाली ने बताया कि सोमवार को भी शाही लवाजमें के साथ तीज माता की सवारी निकलेगी।
कजळी माता का किया पूजन
बड़ी तीज पर व्रतधारी महिलाओं ने घर-परिवार और मोहल्ले की महिलाओं के साथ सामूहिक रूप से कजळी माता का पूजन कर अखण्ड सुहाग की कामना की। घरों और गली-मोहल्लों में दीवारों पर काजल और कुमकुम से कजळी माता की अनुकृति चित्रित की मिट्टी सेपारुण्डी बनाकर उसमें जल भरकर विभिन्न पूजन सामग्रियों से पूजन किया गया। महिलाओं ने कजळी पूजन की कथा भी सुनी।
बड़ी तीज पर व्रतधारी महिलाओं ने घर-परिवार और मोहल्ले की महिलाओं के साथ सामूहिक रूप से कजळी माता का पूजन कर अखण्ड सुहाग की कामना की। घरों और गली-मोहल्लों में दीवारों पर काजल और कुमकुम से कजळी माता की अनुकृति चित्रित की मिट्टी सेपारुण्डी बनाकर उसमें जल भरकर विभिन्न पूजन सामग्रियों से पूजन किया गया। महिलाओं ने कजळी पूजन की कथा भी सुनी।