यह दौर बढ़ता-बढ़ता शाम सूर्यास्त तक रहता। रात को भी तापमान गर्म ही रहता। कूलर की हवा से भी कोई राहत नहीं मिल रही है । अस्पतालों में लू एवं तापघात के मरीजों की संख्या भी बढऩे लगी है। चिकित्सकों के अनुसार भीषण गर्मी में तेज धुप से बचाव जरुरी है। आवश्यक कार्य होने पर ही तेज धुप में निकले धुप से बचाव के लिए सर पर कपड़ें या छतरी का उपयोग करें। बार बार पानी अतः शीतल पेय पदार्थ का उपयोग करें।