सर्वे ही नहीं
ट्रेड लाइसेंस के लिए नगर निगम के पास वर्तमान स्थिति अनुसार सर्वे ही नहीं है। बताया जा रहा है कि निगम ने ऑफ लाइन ट्रेड लाइसेंस जारी कर रखे हैं, जिनकी संख्या सवा दो सौ के करीब बताई जा रही है। इनसे महज हर साल पांच से सात लाख रुपए राजस्व प्राप्त होने की बात कही जा रही है। अगर शहर की आज की स्थिति अनुसार सर्वे हो तो ट्रेड लाइसेंस में हजारों संपत्तियां आ सकती हैं, जिनसे निगम को हर साल लाखों रुपए का राजस्व मिल सकता है।
विभिन्न श्रेणियों के प्रतिष्ठानों से मिल सकेगा राजस्व
निगम नियम-कायदों के साथ अनिवार्य रूप से अगर ट्रेड लाइसेंस की अनिवार्यता निगम क्षेत्र में लागू करता है, तो विभिन्न श्रेणियों की दुकानों-प्रतिष्ठानों और व्यावसायिक संस्थानों से राजस्व मिलना शुरू हो जाएगा। बताया जा रहा है कि लगभग चार दर्जन से अधिक श्रेणियों की दुकानों -प्रतिष्ठानों से ट्रेड लाइसेंस के रूप में राजस्व मिल सकता है। इसके लिए बाइलोज की भी जरूरत है। निगम वर्तमान में डीएलबी के आदेशों के अनुसार कई बड़े प्रतिष्ठानों से ट्रेड लाइसेंस के रूप में राजस्व प्राप्त कर रहा है, जबकि हजारो संपत्तियों का अब तक निगम सर्वे ही नहीं कर पाया है, जिनकी ट्रेड लाइसेंस जारी किया जा सकता है।