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रक्तदान कर बचा सकते हैं किसी भी जरूरतमंद की जिंदगी

locationबीकानेरPublished: Jun 15, 2019 10:10:30 am

Submitted by:

Atul Acharya

बीकानेर. जिले में रक्तदान के प्रति लोग जागरूक हो रहे हैं। शहर से गांव तक स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों में पुरुषों के साथ महिलाएं भी सहभागिता निभा रही हैं।

bikaner- World Blood Donor Day 2019

रक्तदान कर बचा सकते हैं किसी भी जरूरतमंद की जिंदगी

बीकानेर. जिले में रक्तदान के प्रति लोग जागरूक हो रहे हैं। शहर से गांव तक स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों में पुरुषों के साथ महिलाएं भी सहभागिता निभा रही हैं। पीबीएम अस्पताल के ब्लड बैंक के मुताबिक हर साल रक्तदान करने वालों की संख्या बढ़ रही है। पिछले दस सालों में रक्तदान करने वालों की संख्या दोगुनी हो गई है। विश्व रक्तदाता दिवस के उपलक्ष्य में शुक्रवार को पीबीएम अस्पताल के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर लगाया गया। शिविर में १८८ यूनिट रक्त संग्रहीत किया गया। इसमें बीकानेर नाल एयरफोर्स के ९८ और एयरफोर्स छावनी बीकानेर के जवानों ने ४० यूनिट रक्तदान किया। शिविर में गु्रप कैप्टन एल.वी. मांडलिक (स्टेशन कमांडर), फ्लाईट लेफ्टिनेंट सौरभ कुमार (एस.एम.ओ.) सहित वायुसैनिकों ने भागीदारी निभाई। शिविर में ४० स्वप्रेरिक्त रक्तदाता रक्तदान करने पहुंचे। शिविर में एसपी मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. एचएस कुमार, पीबीएम अधीक्षक डॉ. पीके बैरवाल ने ५० रक्तदाताओं को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया।
सैन्य व रेलवे अस्पताल भी जाता है रक्त
डॉ. आर्य ने बताया कि जितना रक्त संग्रहीत होता है, उतना ही मरीजों को चढ़ा दिया जाता है। दस वर्ष पहले रोजाना ५० से ६० यूनिट की खपत होती थी। अब हर दिन १५० से १६० यूनिट रक्त की खपत है। पीबीएम ब्लड बैंक में करीब ४०० रक्तदाताओं के मोबाइल नंबर भी हैं, जिन्हें जरूरत पडऩे पर कॉल किया जाता है। ७०-७५ संस्थाएं रक्तदान शिविर लगाती हैं। डॉ. आर्य ने बताया कि पीबीएम से रक्त सैन्य अस्पताल, रेलवे अस्पताल सहित नोखा, देशनोक, लूणकरनसर, श्रीकोलायत, श्रीडूंगरगढ़ एवं निजी अस्पतालों में अधिकृत चिकित्सक की अनुशंसा पर भेजा जाता है।
इस साल १२ हजार यूनिट रक्त एकत्र
पीबीएम के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. देवराज आर्य ने बताया कि पिछले वर्ष संगठनों ने जिले में १०३ रक्तदान शिविर लगाए। इनमें ३६,१२६ यूनिट रक्त एकत्र किया गया। इसमें १२ हजार यूनिट रक्त स्वैच्छिक रक्तदान शिविर से आया। वहीं इस वर्ष में अब तक २४ शिविरों के माध्यम से १६३६४ यूनिट रक्त एकत्र किया गया है।
युवा समझने लगे हैं रक्तदान का महत्त्व
मेरा रक्त ‘ओÓ निगेटिव है, फिर भी मैं अब तक ५५ बार रक्तदान कर चुका हूं और लोगों को प्रेरित करता हूं। अब बीकानेर जिले में रक्तदाताओं की संख्या में वृद्धि इसलिए हो रही है, क्योंकि युवा इसके महत्त्व को समझने लगे हैं और सहयोग भी करने लगे हैं। रक्तदान से किसी भी जरूरतमंद की जिंदगी बच सकती है।
नवल राठी, रक्तदाता
वर्षवार संग्रहीत रक्त
वर्ष यूनिट
२०१२ २५०००
२०१३ २६३२४
२०१४ ३०७००
२०१५ २८०२१
२०१६ २९१०७
२०१७ २९१३६
२०१८ ३६१२६
२०१९ १६३६४ (अब तक)

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