आरोपी महेन्द्र 19 अगस्त को परिवादी बीरबलराम की ढाणी पर आया था। उसने घर की लोकेशन देखी व रेकी करके वापस चला गया। रात को सभी सदस्यों के सो जाने पर आरोपी महेन्द्र ढाणी में रखे सोने के जेवर व नकदी चुरा ले गया। आरोपी ने पुलिस के डर से चोरी का सामान घर ले जाने की बजाय मुख्य नहर के पास सूनसान जगह पर जमीन में गड्ढ़ा खोदकर उसमें दबा दिया। आरोपी ने नई सिम का प्रयोग किया। जिस सिम का उपयोग किया उससे ट्रेस हुआ और पुलिस उस तक पहुंच गई। वारदात का खुलासा करने में बज्जू थाने के कांस्टेबल कैलाश बिश्नोई व साइबर सेल के कांस्टेबल दीपक यादव की विशेष भूमिका रही।
परिवादी बीरवाल राम ने 21अगस्त को बज्जू थाने में सोने के जेवर व एक लाख ८३ हजार रुपए
चोरी होने का मामला दर्ज कराया था। उसने घर पर लकड़ी का काम करने आए कारीगर पर चोरी का आरोप लगाया था, जबकि पुलिस की जांच में चोर कोई दूसरा ही व्यक्ति निकला। उसने बताया कि कारीगर घर के दरवाजे बनाने का नाप लेने आया। शाम को वह खाना खाकर सो गया। रात को सभी घरवालों को नशीली दवा सुंघा दी और उसके व उसके बेटे कृष्णलाल की ढाणी से सोने-चांदी के जेवर चुरा ले गया, लेकिन पुलिस जांच में चोर कारीगर नहीं परिवादी के घर के सदस्य का परिचित निकला।