पुलिस अधीक्षक सवाईसिंह गोदारा ने सदर पुलिस थाना सभागार में पत्रकारों को बताया कि गिरोह के गिरफ्तार सदस्य स्वरूपदेसर निवासी मांगीलाल पुत्र मघाराम जाट, सूडसर निवासी अशोक पुत्र रामचन्द्र जाट हैं। एक आरोपित नाबालिग है। उन्होंने कहा कि मुख्य आरोपित के कब्जे से एक बाइक बरामद की गई है।
खरीदारों को भी नहीं बख्शेंगे
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपित चोरी की गाडिय़ों को 1500 से 200 रुपए में ग्रामीण क्षेत्रों में बेच देते थे। इसमें नाबालिग इनकी मदद करता था। हर बार नाबालिग के साथ एक आरोपित रेकी करता तथा दूसरा गाड़ी चोरी करता था। आरोपितों से पूछताछ कर गाड़ी खरीदने वालों को सूचीबद्ध किया जाएगा। चोरी की बाइक खरीदने वालों को भी नहीं बख्शा जाएगा।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपित चोरी की गाडिय़ों को 1500 से 200 रुपए में ग्रामीण क्षेत्रों में बेच देते थे। इसमें नाबालिग इनकी मदद करता था। हर बार नाबालिग के साथ एक आरोपित रेकी करता तथा दूसरा गाड़ी चोरी करता था। आरोपितों से पूछताछ कर गाड़ी खरीदने वालों को सूचीबद्ध किया जाएगा। चोरी की बाइक खरीदने वालों को भी नहीं बख्शा जाएगा।
यूं पकड़ा गया गिरोह
सदर पुलिस पीबीएम अस्पताल से हर दूसरे-तीसरे दिन बाइक चोरी होने से परेशान थी। सीआई लक्ष्मणसिंह ने पीबीएम में विशेष निगरानी के लिए हैड कांस्टेबल विनोद भांभू को हिदायत दी। पिछले दिनों भांभू ने मांगीलाल को एक बाइक पर घूमते साथ पकड़ा।
सदर पुलिस पीबीएम अस्पताल से हर दूसरे-तीसरे दिन बाइक चोरी होने से परेशान थी। सीआई लक्ष्मणसिंह ने पीबीएम में विशेष निगरानी के लिए हैड कांस्टेबल विनोद भांभू को हिदायत दी। पिछले दिनों भांभू ने मांगीलाल को एक बाइक पर घूमते साथ पकड़ा।
बाइक के बारे में पूछताछ की तो वह हड़बड़ा गया। वे उसे थाने लाए तो आरोपित ने पूरी वारदात का खुलासा कर दिया। इसके बाद टीम के सदस्यों ने नाबालिग व अन्य आरोपितों को पकड़कर उनकी निशानदेही से २२ मोटरसाइकिलें बरामद कर ली।
भीड़भाड़ से चुराते
सीओ सदर राजेन्द्रसिंह ने बताया कि आरोपित पीबीएम परिसर व शहर के अन्य भीड़भाड़ वाले इलाकों से बाइक चोरी करते थे। उन्हें पता था कि पीबीएम में किसी परिजन या मरीज को समय लगेगा। आरोपित चोरी की बाइकों को बेचने की फिराक में थे। इससे पहले ही पकड़े गए।
सीओ सदर राजेन्द्रसिंह ने बताया कि आरोपित पीबीएम परिसर व शहर के अन्य भीड़भाड़ वाले इलाकों से बाइक चोरी करते थे। उन्हें पता था कि पीबीएम में किसी परिजन या मरीज को समय लगेगा। आरोपित चोरी की बाइकों को बेचने की फिराक में थे। इससे पहले ही पकड़े गए।
इंटेलीजेंसी में दक्ष कर्मी
पिछले दो सालों में इस वर्ष दुपहिया और चौपहिया वाहन चोरी की वारदातें और बरामदगी दोनों बढ़ी हैं। यह पुलिस के कुछ कर्मचारियों की मेहनत का नतीजा है। हर थाने में दो-तीन क्राइम इंटेलीजेंस में दक्ष कर्मचारी हैं। इन कार्मिकों को चोरी व अन्य अपराधों का सुराग लगाने में ही लगाया जाता है। इससे दो साल में पिछले 10 माह में तीन गुना ज्यादा मोटरसाइकल बरामदगी की गई।
पिछले दो सालों में इस वर्ष दुपहिया और चौपहिया वाहन चोरी की वारदातें और बरामदगी दोनों बढ़ी हैं। यह पुलिस के कुछ कर्मचारियों की मेहनत का नतीजा है। हर थाने में दो-तीन क्राइम इंटेलीजेंस में दक्ष कर्मचारी हैं। इन कार्मिकों को चोरी व अन्य अपराधों का सुराग लगाने में ही लगाया जाता है। इससे दो साल में पिछले 10 माह में तीन गुना ज्यादा मोटरसाइकल बरामदगी की गई।
ये थे टीम में
सीओ सदर राजेन्द्रसिंह व थानाधिकारी लक्ष्मणसिंह के नेतृत्व में गठित में उपनिरीक्षक संदीप कुमार, हैड कांस्टेबल विनोद भांभू, हनुवंतसिंह, कांस्टेबल कानाराम व पुरुषोतम शामिल थे। करीब एक महीने बाद गिरोह को पकडऩे में कामयाबी मिली।
सीओ सदर राजेन्द्रसिंह व थानाधिकारी लक्ष्मणसिंह के नेतृत्व में गठित में उपनिरीक्षक संदीप कुमार, हैड कांस्टेबल विनोद भांभू, हनुवंतसिंह, कांस्टेबल कानाराम व पुरुषोतम शामिल थे। करीब एक महीने बाद गिरोह को पकडऩे में कामयाबी मिली।
वारदातों का ब्योरा
वर्ष दुपहिया चोरी बरामद
2015 124 16
2016 105 17
2017 12 9 47
वर्ष चौपहिया चोरी बरामद
2015 36 9
2016 41 8
2017 24 11
वर्ष दुपहिया चोरी बरामद
2015 124 16
2016 105 17
2017 12 9 47
वर्ष चौपहिया चोरी बरामद
2015 36 9
2016 41 8
2017 24 11