पीबीएम अस्पताल में मुर्दाघर के पास कचरा डालने का स्थान निर्धारित किया गया है। यहां साधारण कचरे के अलावा प्लास्टिक के सिरिंज, ग्लूकोज की बोतल, खून की थैली व कटी-फटी चमड़ी के टुकड़े व अन्य चीजें मिल जाती हैं। इस कचरे में दिनभर आवारा पशु मंडराते रहते हैं।
प्रशासन की अनदेखी
पीबीएम में बायोमेडिकल वेस्ट का निस्तारण करने के लिए इंसीनेरेटर की व्यवस्था है। इसके अलावा कचरे को जलाने एवं साधारण कचरे को उचित जगह पर डालने की व्यवस्था भी है, लेकिन अस्पताल प्रशासन की अनदेखी से बायोमेडिकल वेस्ट का सही निस्तारण नहीं हो रहा है।
-अस्पताल से निकलने वाले मेडिकल कचरे को तीन हिस्सों में बांटना होता है।
-ब्लड, मानव अंग जैसी चीजों को लाल रंग के डिब्बे में डाला जाता है।
-कॉटन, सिरिंज, दवाइयों को पीले रंग के डिब्बे में एकत्र किया जाता है।
-मरीजों के खाने की बची चीजों को हरे रंग के डिब्बे में डालना होता है।
-इन डिब्बों को काले रंग की पॉलीथिन से कवर करना पड़ता है।
-पॉलीथिन आधी भरने के बाद इसे पैककरके अलग रखना होता है, ताकि संक्रमण न हो।
-इस कचरे को इंसीनेरेटर में जलाते हैं, ताकि बीमारी नहीं फैले और वातावरण भी प्रदूषित नहीं हो।