पुलिस ने बताया कि निरीक्षण करने पर दोनों ही स्मोक कैण्डल निकले। पुलिस ने बताया कि ये स्मोक कैण्डल युद्धाभ्यास के समय युद्धक वाहनों को रास्ता बताने के लिए जलाए जाते हैं और इनसे धुआं किया जाता है। पुलिस ने बताया कि दोनों ही स्मोक कैण्डल काफी पुराने होने के कारण जैसे ही इन्हें हिलाया तो ये टूट कर बिखर गए, जिनका निस्तारण कर दिया गया। सेना की इंटेलिजेंस शाखा के अधिकारियों को सूचना मिलने पर उन्होंने भी मामले की जानकारी ली।
तीन साल बाद फिर से शुरू हुआ नोखा उप कारागृह बीकानेर जेल से बंदी नोखा जेल में शिफ्ट नोखा. करीब तीन साल से बंद पड़ा नोखा का उप कारागृह फिर से शुरू हो गया है। सोमवार को बीकानेर जेल से २१ बंदियों को यहां शिफ्ट किया गया। अभी नोखा न्यायालय से संबंधित सुनवाई प्रकरणों के बंदियों को यहां पर रखा गया है। जल्द ही अन्य बंदियों को भी यहां पर भेजा जाएगा। वहीं, नोखा जेल के शुरू होने से अब पुलिस को आरोपियों को बीकानेर जेल में छोडऩे नहीं जाना पड़ेगा, उनको यहीं पर रखा जा सकेगा। इससे पुलिस के समय की बचत होगी। ध्यान रहे कि नोखा उप कारागृह भवन में कुछ निर्माण व मरम्मत कार्य कराने के उदेश्य से इसे १८ जून २०१७ को अस्थाई तौर पर बंद किया गया था। उप कारागृह भवन का निर्माण व मरम्मत कार्य पूर्ण होने के बाद इसे अब फिर से शुरू किया गया है। इसे वापस चालू कराने के लिए जिला सतर्कता व जन अभाव अभियोग समिति के पूर्व सदस्य रामसिंह चरकड़ा ने प्रयास किए। उन्होंने कई बार जेल डीजी, आईजी सहित अन्य आला अधिकारियों से पत्र व्यवहार करते हुए नोखा उप कारागृह को शुरू कराने की मांग की थी।