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हाव-भाव, बॉडी लैग्वेंज को समझना ही वास्तविक कम्यूनिकेशन

locationबीकानेरPublished: Sep 11, 2017 11:29:00 am

स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. राजेश शर्मा ने कहा कि हाव-भाव, बॉडी लैग्वेंज को समझना ही वास्तविक कम्यूनिकेशन है।

Book review program
अजित फाउण्डेशन की ओर से रविवार को अजित फाउण्डेशन सभागार में पुस्तक समीक्षा कार्यक्रम में मैनेजमेंट ट्रेनर डॉ. गौरव बिस्सा द्वारा लिखित दो पुस्तकों की विशेषज्ञों ने समीक्षा की। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व रक्षा अनुसंधान निदेशक डॉ. हनुमान प्रसाद व्यास ने कहा कि सत्यनिष्ठता, प्रेम और सहजता कम्यूनिकेशन में मौलिक तत्व है। स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. राजेश शर्मा ने कहा कि हाव-भाव, बॉडी लैग्वेंज को समझना ही वास्तविक कम्यूनिकेशन है।
सूचना और जनसम्पर्क अधिकारी हरिशंकर आचार्य ने कहा कि साक्षात्कार के लिए विचारों की गहराई और विचारों को प्रभावी ढंग से सम्प्रेषित करना आवश्यक है। लेखक डॉ. गौरव बिस्सा ने कहा कि बॉडी लैग्वेंज, एमपैथी यानी समानुभूति, एनवायर्नमेंट अर्थात माहौल प्रिपरेशन यानी श्रेष्ठ तैयारी, तथा स्पीच यानी भाषण कम्यूनिकेशन के पांच मूलभूत तत्व हैं। डॉ. बिस्सा ने बताया कि ९३ प्रतिशत कम्यूनिकेशन शरीर के हाव-भाव, आंखों के इशारे और चेहरे की मुस्कुराहट से होता है।
युवा उद्यमी आनन्द आचार्य ने कहा कि कॉरपोरेट जगत को ऊर्जावान, कर्तव्य परायण, अच्छी कम्यूनिकेशन स्किल वाले युवाओं की आवश्यकता है। कार्यक्रम में अजित फाउण्डेशन के समन्वयक संजय श्रीमाली ने अतिथियों को सम्मानित किया। इस अवसर पर डॉ. अजय जोशी, डॉ. नरसिंह बिन्नाणी, शरद केवलिया, नंदकिशोर, अवधेश व्यास, मो. यूनुस शेख सहित कई व्यक्ति एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।
शिविर का किया अवलोकन, 50 महिलाएं सीख रही सिलाई
जनजीवन कल्याण सेवा समिति के तत्वाधान में बाबा रामदेव मंदिर सुथारों की पंचायत समिति पारीक चौक में चल रहे 90 दिवसीय नि:शुल्क प्रशिक्षण शिविर में 50 महिलाएं सिलाई सिख रही है। शिविर का अवलोकन सखा संगम के अध्यक्ष एन डी रंगा, फि ल्मकार मंज़ूर अली, लेखक अशफाक कादरी ने किया। रंगा ने कहा कि महिलाओं के आत्म स्वावलंबन और स्वरोजगार के लिए सिलाई प्रशिक्षण बहुपयोगी है। समिति के महासचिव डॉ. एम एल व्यास ने बताया कि शिविर प्रशिक्षक संपत पारीक, सोदरा पारीक, महेंद्र सोलंकी सेवाएं
प्रदान की।
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