सूचना और जनसम्पर्क अधिकारी हरिशंकर आचार्य ने कहा कि साक्षात्कार के लिए विचारों की गहराई और विचारों को प्रभावी ढंग से सम्प्रेषित करना आवश्यक है। लेखक डॉ. गौरव बिस्सा ने कहा कि बॉडी लैग्वेंज, एमपैथी यानी समानुभूति, एनवायर्नमेंट अर्थात माहौल प्रिपरेशन यानी श्रेष्ठ तैयारी, तथा स्पीच यानी भाषण कम्यूनिकेशन के पांच मूलभूत तत्व हैं। डॉ. बिस्सा ने बताया कि ९३ प्रतिशत कम्यूनिकेशन शरीर के हाव-भाव, आंखों के इशारे और चेहरे की मुस्कुराहट से होता है।
युवा उद्यमी आनन्द आचार्य ने कहा कि कॉरपोरेट जगत को ऊर्जावान, कर्तव्य परायण, अच्छी कम्यूनिकेशन स्किल वाले युवाओं की आवश्यकता है। कार्यक्रम में अजित फाउण्डेशन के समन्वयक संजय श्रीमाली ने अतिथियों को सम्मानित किया। इस अवसर पर डॉ. अजय जोशी, डॉ. नरसिंह बिन्नाणी, शरद केवलिया, नंदकिशोर, अवधेश व्यास, मो. यूनुस शेख सहित कई व्यक्ति एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।
शिविर का किया अवलोकन, 50 महिलाएं सीख रही सिलाईजनजीवन कल्याण सेवा समिति के तत्वाधान में बाबा रामदेव मंदिर सुथारों की पंचायत समिति पारीक चौक में चल रहे 90 दिवसीय नि:शुल्क प्रशिक्षण शिविर में 50 महिलाएं सिलाई सिख रही है। शिविर का अवलोकन सखा संगम के अध्यक्ष एन डी रंगा, फि ल्मकार मंज़ूर अली, लेखक अशफाक कादरी ने किया। रंगा ने कहा कि महिलाओं के आत्म स्वावलंबन और स्व
रोजगार के लिए सिलाई प्रशिक्षण बहुपयोगी है। समिति के महासचिव डॉ. एम एल व्यास ने बताया कि शिविर प्रशिक्षक संपत पारीक, सोदरा पारीक, महेंद्र सोलंकी सेवाएं
प्रदान की।