पौंग व भाखड़ा डैम लबालब
राजस्थान की इंदिरा गांधी नहर परियोजना, गंगनहर और भाखड़ा नहर को हिमाचल में बने पौंग व भाखड़ा डैम से पानी मिलता है। इन बांधों की भराव अवधि में अभी करीब एक महीने का समय शेष पड़ा है। परन्तु रविवार को बांध भराव क्षमता के नजदीक पहुंच गए। एेसे में बांधों से अतिरिक्त पानी की निकासी को बढ़ाना पड़ा। पौंग बांध की भराव क्षमता 1390 फीट है, इसका लेवल 13७० फीट पर पहुंच गया है। इसी तरह भाखड़ा की भराव क्षमता 1680 फीट है, जो 167५ फीट तक भर चुका है। इसके कारण बांधों के सभी गेट खोल दिए गए हैं।
राजस्थान की इंदिरा गांधी नहर परियोजना, गंगनहर और भाखड़ा नहर को हिमाचल में बने पौंग व भाखड़ा डैम से पानी मिलता है। इन बांधों की भराव अवधि में अभी करीब एक महीने का समय शेष पड़ा है। परन्तु रविवार को बांध भराव क्षमता के नजदीक पहुंच गए। एेसे में बांधों से अतिरिक्त पानी की निकासी को बढ़ाना पड़ा। पौंग बांध की भराव क्षमता 1390 फीट है, इसका लेवल 13७० फीट पर पहुंच गया है। इसी तरह भाखड़ा की भराव क्षमता 1680 फीट है, जो 167५ फीट तक भर चुका है। इसके कारण बांधों के सभी गेट खोल दिए गए हैं।
सेना और बीएसएफ अलर्ट पर
भारत की तरफ से रविवार को सतलुज दरिया पर फिरोजपुर में बने हुसैनीवाला हेड के गेट खोल दिए गए। रविवार शाम तक 30 हजार क्यूसेक पानी पाकिस्तान को छोड़ा गया। इससे पाकिस्तान में भी बाढ़ के हालात पैदा हो जाएंगे। हालात को देखते हुए सेना-बीएसएफ अलर्ट पर हैं। पंजाब में ही रविवार को तरनतारन के हरीके पत्तन हेड वक्र्स से भी पाकिस्तान को 70,613 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इससे लोगों में भय बना हुआ है। लुधियाना में सतलुज का पानी खतरे के निशान से मात्र दो प्वाइंट नीचे है। 1988 के बाद पहली बार इतनी भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया है। सेना हेलीकॉप्टर से नजर रख रही है।
भारत की तरफ से रविवार को सतलुज दरिया पर फिरोजपुर में बने हुसैनीवाला हेड के गेट खोल दिए गए। रविवार शाम तक 30 हजार क्यूसेक पानी पाकिस्तान को छोड़ा गया। इससे पाकिस्तान में भी बाढ़ के हालात पैदा हो जाएंगे। हालात को देखते हुए सेना-बीएसएफ अलर्ट पर हैं। पंजाब में ही रविवार को तरनतारन के हरीके पत्तन हेड वक्र्स से भी पाकिस्तान को 70,613 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इससे लोगों में भय बना हुआ है। लुधियाना में सतलुज का पानी खतरे के निशान से मात्र दो प्वाइंट नीचे है। 1988 के बाद पहली बार इतनी भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया है। सेना हेलीकॉप्टर से नजर रख रही है।
रोपड़ व लुधियाना जिले में बाढ़
श्रीगंगानगर. पंजाब में भारी बारिश व भाखड़ा बांध का करीब दो-ढाई सौ क्यूसेक पानी सतलुज के बहाव क्षेत्र में छोड़ देने से लुधियाना व रोपड़ क्षेत्र में बाढ़ के हालात बन गए हैं। रोपड़ जिले के कई गांवों में पानी घुस गया है। कई जगह पशु पानी में बह गए हैं। प्रभावित गांवों में शाहपुरवेला, लोजीपुर, नीकूवाल, चांदपुर व गजपुर आदि गांव शामिल हैं। घरों में पानी घुसने पर लोग मकानों की छतों पर शरण लिए हुए हैं। आनंदपुर साहिब के करीब 85 गांवों में पानी घुसने का समाचार है। वहां के जिला प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का काम शुरू कर दिया है।
श्रीगंगानगर. पंजाब में भारी बारिश व भाखड़ा बांध का करीब दो-ढाई सौ क्यूसेक पानी सतलुज के बहाव क्षेत्र में छोड़ देने से लुधियाना व रोपड़ क्षेत्र में बाढ़ के हालात बन गए हैं। रोपड़ जिले के कई गांवों में पानी घुस गया है। कई जगह पशु पानी में बह गए हैं। प्रभावित गांवों में शाहपुरवेला, लोजीपुर, नीकूवाल, चांदपुर व गजपुर आदि गांव शामिल हैं। घरों में पानी घुसने पर लोग मकानों की छतों पर शरण लिए हुए हैं। आनंदपुर साहिब के करीब 85 गांवों में पानी घुसने का समाचार है। वहां के जिला प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का काम शुरू कर दिया है।