बीकानेर

स्कूल में छात्र को खेल-खेल में मजाक करना पड़ा भारी, हो गया ये हादसा

शहर के एक निजी स्कूल में पढऩे वाले छात्र को खेल-खेल में मजाक करना भारी पड़ गया।

बीकानेरOct 29, 2017 / 08:52 am

dinesh kumar swami

लड़का घायल

बीकानेर . शहर के एक निजी स्कूल में पढऩे वाले छात्र को खेल-खेल में मजाक करना भारी पड़ गया। इस दौरान करीब एक फीट की लकड़ी का टुकड़ा उसकी हथेली के आर-पार निकल गई। आनन-फानन में छात्र को स्कूल के अध्यापक पीबीएम अस्पताल के ट्रोमा सेन्टर ले गए, वहां चिकित्सकों ने छात्र की हथेली का ऑपरेशन कर लकड़ी को बाहर निकाला।
 

जानकारी के अनुसार रथखाना कॉलोनी स्थित एक निजी स्कूल की सातवीं कक्षा में अध्ययनरत छात्र प्रेमदास अपने सहपाठियों के साथ खेल रहा था। इस बीच उसने एक कुर्सी के ऊपर से छलांग लगाई, तो वह दूसरी कुर्सी पर जाकर गिर गया। छात्र के गिरने से कुर्सी का एक हिस्सा टूट गया और उसकी लकड़ी उसके हथेली के आर-पार निकल गई।
 

छात्र खतरे से बाहर
घटना की जानकारी मिलने पर स्कूल के अध्यापकों ने छात्र को ट्रोमा सेन्टर पहुंचाया गया। चिकित्सकों ने पहले तो छात्र की लकड़ी को बिना ऑपरेशन निकालने का प्रयास किया, लेकिन जब संभव नहीं हुआ तो ऑपरेशन कर लकड़ी का टुकड़ा निकाला गया। चिकित्सकों के अनुसार छात्र अब खतरे से बाहर है।
 

चोटग्रस्त व्यक्ति को 11.50 लाख रुपए मुआवजा
बीकानेर. न्यायालय मोटरयान दुर्घटना दावा अधिकरण बीकानेर ने एक चोटग्रस्त व्यक्ति को 11 लाख 50 हजार रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया है। एडवोकेट ओम बिश्नोई के अनुसार 29 मार्च, 2014 को अमरसिंहपुरा निवासी निजामुद्दीन पुत्र मोहम्मद अली व मोहम्मद हुसैन जयपुर रोड स्थित केजीएन इंजीनियरिंग वक्र्स पर बोरिंग मशीन रिपेयर कर रहे थे। उस समय बोरिंग मशीन का टावर (मास्टर) सीधा खड़ा था।
 

बोरिंग मशीन के चालक किसनाराम ने बिना बताए मशीन स्टार्ट कर उसको खड़े टावर में ही थोड़ा आगे कर अचानक लापरवाही से जोर से ब्रेक लगा दिए, जिससे टावर के साथ पानी सप्लाई का पाइप करीब 30 फुट से नीचे गिर गया और नीचे काम कर रहे मिस्त्री निजामुद्दीन के मुंह पर आ गिरा। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया और एक आंख को नुकसान पहुंचा व चार दांत टूट गए तथा चोटें आई।
 

न्यायालय ने मामले में बोरिंग मशीन मालिक, ड्राइवर एवं बीमा कम्पनी को उत्तरदायी माना है। न्यायालय ने घायल व्यक्ति को मुआवजा राशि 11 लाख 50 हजार रुपए और दावा प्रस्तुत करने की तारीख से सात प्रतिशत ब्याज अदा करने का आदेश दिया।
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