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सीमा सुरक्षा बल ने पूर्व कमांडेंट कानसिंह को सम्मान के साथ दी अंतिम विदाई

locationबीकानेरPublished: Sep 25, 2020 12:20:53 am

Submitted by:

dinesh kumar swami

bikaner news: सेना में रहकर 1962 और 1965 का युद्ध लड़ा। सीमा सुरक्षा बल के गठन के बाद इसमें शामिल होकर 1971 में भारत-पाक युद्ध के समय गुरुदासपुर सीमा पर तैनात रहे।

सीमा सुरक्षा बल ने पूर्व कमांडेंट कानसिंह को सम्मान के साथ दी अंतिम विदाई

सीमा सुरक्षा बल ने पूर्व कमांडेंट कानसिंह को सम्मान के साथ दी अंतिम विदाई

बीकानेर. सीमा सुरक्षा बल के सेवानिवृत्त कमांडेंट कानसिंह राजवी बोघेरा का गुरुवार सुबह 83 वर्ष की आयु में सर्दुलगंज स्थित निवास पर हृदयघात से निधन हो गया। बीएसएफ ने अपने पूर्व अधिकारी को सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी।
घर पड़ोसी ब्रिगेडियर जगमाल सिंह ने बताया कि कानसिंह 1961 में एक सैनिक के रूप में भारतीय सेना के गोरखा रेजिमेंट में भर्ती हुए। सेना में रहकर 1962 और 1965 का युद्ध लड़ा। सीमा सुरक्षा बल के गठन के बाद इसमें शामिल होकर 1971 में भारत-पाक युद्ध के समय गुरुदासपुर सीमा पर तैनात रहे। जहां सेना के साथ मिलकर भारतीय चौकी की रक्षा की। बीएसएफ में सेवा करते समय सीमाओं में चौकसी का काम करते रहे। उन्हें राष्ट्रपति पदक से भी सम्मानित किया गया।
गार्ड ऑन ऑनर की सशस्त्र सलामी दी

कानसिंह का अंतिम संस्कार राजवियो की शमशान भूमि पर किया गया। जहां बीएसएफ की ओर से अपने पूर्व अधिकारी को गार्ड ऑफ ऑनर की सशस्त्र सलामी दी गई। पूर्व सीमा सुरक्षा बल के महानिरिक्षक पुष्पेंद्र सिंह राठोड़ ने पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धाजंलि अर्पित की। भाजपा के शहर जिला अध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह, कमांडेंट वीरेंद्र सिंह शेखावत, पूर्व ब्रिगेडियर जगमाल सिंह, नरेंद्र सिंह तंवर, संग्राम सिंह, कर्नल मोहन सिंह शेखावत, भाजपा नेता जितेंद्र सिंह राजवी समेत बड़ी संख्या में लोगों ने ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धाजंलि दी।
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