बीकानेर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर सहित जिले के करीब एक दर्जन बैंक खाता धारकों को आयकर विभाग की अन्वेषण शाखा ने नोटिस जारी कर जमा रकम का हिसाब मांगा है। इनमें जन-धन खातों के साथ-साथ सामान्य खाते भी सामने आए हैं, जिनमें हजार-दो हजार नहीं बल्कि एक-एक करोड़ रुपए तक जमा हुए हैं। मजे की बात यह कि इन खाता धारकों ने आयकर विभाग को इस रकम का कोई रिटर्न तक नहीं जमा करवाया था।
तिकड़म भिड़ाने वालों पर नजर आयकर विभाग बैंक खातों में डाली जाने वाली संदिग्ध राशि वाले खाता-धारकों को नोटिस देने के साथ-साथ काली कमाई को सफेद करने की तिकड़म भिड़ा चुके व्यापारियों और लोगों पर भी नजरें गड़ाए हुए है।
सूत्रों की मानें तो नोटबंदी के बाद काली कमाई वाले लोगों ने सोने की जमकर खरीददारी की। एेसे लोग 45 हजार रुपए से 50 हजार रुपए प्रति दस ग्राम सोने के गहने लेने से भी नहीं चूके। एेसी रिपोर्ट भी मिली जब कारोबारियों ने बाजार कीमत से महंगी कीमत में सोने की वापस ग्राहकों से खरीददारी कर अपने स्टॉक को पूरा करने की कोशिश की।
इस लेन-देन के खेल में पुराने नोट ही चले। छापे के डर से कई दुकानदारों ने तो अपने प्रतिष्ठानों को कई दिनों तक बंद भी रखा। इसी प्रकार पुराने नोट से प्रीपेमेंट कर काले धन को सफेद करने की जुगत भी भिड़ाई गई।
बिल्डर्स के यहां पुराने नोटों से घरों की बुकिंग भी होने के समाचार आयकर विभाग को मिले हैं। माइनिंग और एग्रीकल्चर आय दिखाकर भी काली कमाई को सफेद करने के प्रयास हुए, जिन पर आयकर विभाग नजरें गड़ाए हुए है।
यूं मिली सूचनाएं केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के साथ-साथ दर्जनों एेसी एजेन्सियां हैं, जो बैंक खातों में होने वाले ट्रांजेक्शन पर लगातार नजर रख रही है। स्थानीय बैंक अधिकारी भी आयकर विभाग को प्रथम दृष्टया संदिग्ध राशि की जानकारी दे रहे हैं।
आयकर विभाग के सूत्रों की मानें तो 8 नवम्बर 2016 तक जन-धन खातों में करीब 45 हजार 636 करोड़ रुपए जमा थे। इन खातों में 30 नवम्बर तक यह रकम बढ़कर 74 हजार 320 करोड़ रुपए हो गई।
जन-धन खातों पर नजर डाली जाए तो 30 नवम्बर तक जन-धन खातों में करीब 25 करोड़ खाते एेसे थे, जिनमें करीब 20 करोड़ खाते सक्रिय तथा 5 करोड़ खातों में जीरो बैलेंस थे। 8 नवम्बर के बाद घोषित नोटबंदी के बाद न केवल जीरो बैलेंस वाले बैंक खातों में राशि डाली गई, बल्कि सामान्य तौर पर चलन वाले बैंक खातों में भी धनवर्षा हो गई।
सामने होगी हकीकत यह सही है कि बीकानेर जिले में दर्जनभर खाता-धारकों को नोटिस देकर उनके बैंक बैलेंस का हिसाब मांगा गया है। इनकी सूचना सीबीडीटी से मिली है। यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि इनमें काली कमाई ही है, लेकिन प्रथम दृष्टया राशि को संदिग्ध मानते हुए खाता-धारकों से हिसाब मांगा जा रहा है। इसमें सफेद कमाई वाले व्यक्ति को घबराने की जरूरत नहीं है।
सपना भाटिया, संयुक्त निदेशक अन्वेषण शाखा जयपुर