बीकानेर मंडल की प्रमुख ट्रेनों में 890 बायो टॉयलेट टैंक लगाए जा चुके हैं। प्रत्येक कोच में चार टॉयलेट हैं। बीकानेर मंडल की करीब एक दर्जन रैक में बायो टॉयलेट लगाए जा चुके हैं। इसमें मुख्य रूप से बीकानेर मंडल की रणकपुर एक्सप्रेस, बीकानेर-पुरी, संपर्क क्रांति, हमसफर एक्सप्रेस, श्रीगंगानगर-सादुलपुर सवारी ट्रेन सहित कुछ ट्रेनें के कोच में वर्तमान में बायो टॉयलेट हैं।
यहां होते हैं तैयार
उत्तर पश्चिम रेलवे में अजमेर , जोधपुर की कार्यशाला में ट्रेनों की मरम्मत का कार्य होता है। इस दौरान बायो टॉयलेट लगाने का काम किया जाता है। इसी तरह बीकानेर रेलवे स्टेशन के समीप रेल डिपो में भी कोच में बायो टॉयलेट लगाए जाने का कार्य होता है। नए कोच बाहर से तैयार होकर आते हैं और यहां बायो टॉयलेट लगाने का कार्य किया जाता है।
उत्तर पश्चिम रेलवे में अजमेर , जोधपुर की कार्यशाला में ट्रेनों की मरम्मत का कार्य होता है। इस दौरान बायो टॉयलेट लगाने का काम किया जाता है। इसी तरह बीकानेर रेलवे स्टेशन के समीप रेल डिपो में भी कोच में बायो टॉयलेट लगाए जाने का कार्य होता है। नए कोच बाहर से तैयार होकर आते हैं और यहां बायो टॉयलेट लगाने का कार्य किया जाता है।
ताकि ट्रैक रहे साफ
बायो टॉयलेट लगने के बाद रेलवे लाइने साफ-सुथरी रहेंगी। इससे पहले अपशिष्ट के कारण पटरियों के बीच में हर समय गंदगी रहती थी। इससे वातावरण दूषित होता था। चल रहा काम
बीकानेर मंडल की ट्रेनों में भी आने वाले दिनों बायो टॉयलेट लगाए जाने प्रस्तावित हैं। जिन ट्रेनों में अभी तक नहीं
लगे हैं, उनमें इस साल के अंत तक लगा दिए जाएंगे। इसका काम चल रहा है। वर्तमान में कुछ ट्रेन में तो बायो टॉयलेट वाले कोच लग चुके हैं।
सीआर कुमावत, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक
बायो टॉयलेट लगने के बाद रेलवे लाइने साफ-सुथरी रहेंगी। इससे पहले अपशिष्ट के कारण पटरियों के बीच में हर समय गंदगी रहती थी। इससे वातावरण दूषित होता था। चल रहा काम
बीकानेर मंडल की ट्रेनों में भी आने वाले दिनों बायो टॉयलेट लगाए जाने प्रस्तावित हैं। जिन ट्रेनों में अभी तक नहीं
लगे हैं, उनमें इस साल के अंत तक लगा दिए जाएंगे। इसका काम चल रहा है। वर्तमान में कुछ ट्रेन में तो बायो टॉयलेट वाले कोच लग चुके हैं।
सीआर कुमावत, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक