वहीं दूसरी ओर कॉलेज प्रशासन ने इस तरह के हादसों की पुनरावृति रोकने के लिए साइक्रेटिक चिकित्सकों की मदद लेगा। जेएनवीसी थानाधिकारी गोविंद सिंह चारण ने बताया कि मृतक मनीषा के मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवाई जा रही है।
मोबाइल की कॉल डिटेल आने के बाद ही आगे की जांच व पूछताछ की जाएगी। उसका मोबाइल में भी स्क्रीन लॉक लगा हुआ है। बुधवार तक कॉल डिटेल जाने के बाद उसके मोबाइल का लॉक खुलवाएंगे।
सभी वार्डन व विभागाध्यक्षों की बैठक एसपी मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इंटर्न छात्रा मनीषा के आत्महत्या के बाद चिंतित है।
प्रशासन ने इस तरह के हादसों की पुनरावृति रोकने के लिए मंथन शुरू कर दिया है। सोमवार को कॉलेज प्राचार्य डॉ. एचएस कुमार ने कॉलेज के सभी बॉयज व गल्र्स हॉस्टल के वार्डन एवं विभागाध्यक्षों की बैठक बुलाई। बैठक में सभी मेडिकल छात्रों को समझाने तथा उन्हें जीवन के प्रति सकारात्मक नजरिया रखने के लिए प्रेरित करने पर विचार-विमर्श किया गया।
साइक्रेटिक चिकित्सकों से कराएंगे काउंसलिंग
डॉ. एचएस कुमार ने बताया कि मेडिकल छात्रों में तनाव संबंधी समस्या सामने तो नहीं आ रही है, फिर भी अब एक नई व्यवस्था शुरू कर रहे हैं। साइक्रेटिक चिकित्सकों की मदद से उनकी काउंसिलिंग कराएंगे। यह व्यवस्था एक-दो दिन में शुरू कर दी जाएगी।
साइक्रेटिक चिकित्सकों की मदद से पहले चरण में काउंसिलिंग इंटर्न छात्र-छात्राओं की कराएंगे। इसके बाद दूसरे चरण में अन्य मेडिकल छात्रों की काउंसिलिंग कराएंगे। बैठक में अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. एलए गौरी, डॉ. रंजन माथुर, डॉ. मोहम्मद सलीम, चीफ वार्डन डॉ. जीएल मीणा, डॉ. नीति शर्मा, डॉ. प्रमिला खत्री आदि चिकित्सक शामिल थे।