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मजदूरी कर पढ़े, परीक्षा भी पास की, अब नौकरी के लिए चक्कर

locationबीकानेरPublished: Oct 15, 2019 11:42:25 am

Submitted by:

Ramesh Bissa

bikaner news- वरिष्ठ अध्ययापक भर्ती परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों को छह साल से नियुक्ति का इंतजार
 

Candidate protests in bikaner

मजदूरी कर पढ़े, परीक्षा भी पास की, अब नौकरी के लिए चक्कर

बीकानेर. पहले खेत में पसीना बहाया, मेहनत-मजदूरी कर परिवार पढ़ाई की, फिर बीएड कर शिक्षक भर्ती परीक्षा पास की और चयनित भी हो गए, लेकिन उन्हें आज भी खेती-मजूदरी करनी पड़ रही है। यह स्थिति है वर्ष २०१३ में वरिष्ठ अध्यापक ग्रेड सैकंड में चयनित हुए अभ्यर्थियों की, जिन्हें छह साल बाद भी नौकरी का इंतजार है।नियुक्ति के लिए सोमवार को चित्तौडग़ढ़ से माध्यमिक शिक्षा निदेशालय आए ४२ वर्षीय नंदलाल धाकड़ ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि उन्होंने चुनौतियों का सामना किया है।
विपरीत परिस्थितियों में पढ़ाई की। वरीयता सूची में सैकंड ग्रेड शिक्षक के रूप में चयनित भी हो गए। उनका बेटा अब कक्षा ११ में पढ़ रहा है, लेकिन उनका संघर्ष अब भी जारी है। वे खेती-मजदूरी कर बच्चों का भरण पोषण कर रहे हैं। आर्थिक संकट से जूझ रहे है। धाकड़ ने बताया कि वे नियुक्ति की उम्मीद में बैठे हैं। नंदलाल ही नहीं, एेसे सैकड़ों चयनित बेरोजगार अभ्यर्थियों ने निदेशालय पहुंचकर प्रदर्शन किया और नियुक्ति मांगी।
दस्तावेज सत्यापन हुए
शिक्षा निदेशक से मिलने पहुंचे चयनित अभ्यर्थियों ने बताया कि उनके दस्तावेजों का सत्यापन हो चुका है, लेकिन नियुक्ति नहीं मिली। फाइल सचिवालय में अटकी है। जानकारी के अनुसार वर्ष २०१३ में शिक्षक भर्ती निकली थी और फरवरी-२०१४ में परीक्षा हुई। उसी साल सितंबर में परिणाम आ गया, लेकिन यह विवादित उत्तर कुंजी तृतीय के आधार पर आया। इसके बाद भी सरकार ने दिसंबर-२०१४ में नियुक्तियां दे दी, तो एक अभ्यर्थी ने न्यायालय में वाद दायर कराया। इसका फैसला १२ जुलाई, २०१८ में चयनित शिक्षकों के पक्ष में आया। न्यायालय ने नियुक्ति के आदेश भी दिए।
फिर भी नौ माह लग गए

शिक्षा विभाग ने वर्ष २०१९ में मार्च-अप्रेल में दोबारा परिणाम (रिवाइज) घोषित किया है, लेकिन अभ्यर्थी अब भी नियुक्ति के लिए चक्कर लगा रहे हैं। प्रदेशभर से निदेशालय पहुंचे चयनित अभ्यर्थियों ने निदेशक को ज्ञापन भी सौंपा है।
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