देवी उपासकों ने नौ दिवसीय पूजन-अनुष्ठान की शुरूआत की। श्रद्धालुओं ने सुबह 6.20 बजे से शाम 4 बजे तक विभिन्न श्रेष्ठ मुहूर्तो में घट स्थापना कर नवरात्र पूजन अनुष्ठान की शुरूआत की। मंदिरों में भक्ति संगीत और स्तुती गान के आयोजन हुए। शहर में लगातार बढ़ रहा कोरोना संक्रमण का प्रभाव पहले नवरात्र पर नजर आया। श्रद्धालु मास्क लगाकर मंदिरों में पहुंचे। मंदिर समितियों और ट्रस्टों की ओर से कोरोना एडवाईजरी की पालना को लेकर विशेष प्रबंध किए गए।
एलईडी से हुए देवी मां के दर्शन
कोरोना महामारी को देखते हुए पवनपुरी स्थित नागणेचेजी मंदिर को 13 से 21 अप्रेल तक दर्शनार्थियों के लिए बंद रखा गया है। मंदिर के अंदर पुजारी परिवार की ओर से नित्य अभिषेक, पूजन, आरती के कार्यक्रम यथावत रहेंगे। नवरात्र में दर्शनार्थी मां देवी के दर्शन कर सकें, इसके लिए मंदिर परिसर के बाहर बड़ी एलईडी लगाई गई है। मंगलवार को मंदिर पहुंचे दर्शनार्थियों ने एलईडी के माध्यम से मां नागणेचेजी के दर्शन किए और धोक लगाई। देशनोक करणीमाता मंदिर भी 21 अप्रेल तक बंद है। श्रद्धालु घर बैठे मां करणी के दर्शन कर सके, इसके लिए ऑनलाइन दर्शन की सुविधा की गई है। मंदिर में नित्य पूजन, आरती के कार्यक्रम यथावत होंगे। केवल दर्शनार्थियों का प्रवेश बंद रहेगा।
नौ दिवसीय पूजन-अनुष्ठान शुरू
चैत्र नवरात्र के नौ दिनों तक देवी के विभिन्न स्वरूपों की पूजा-अर्चना होंगी। देवी के स्त्रोत पाठ और मंत्रों का जाप होगा। देवी उपासक मां भगवती की विशेष पूजा-अर्चना और अनुष्ठान करेंगे। करमीसर रोड स्थित राजराजेश्वरी त्रिपुरा बाला सुंदरी, मां सच्चियाय ओसिया मंदिर, नत्थूसर गेट के बाहर स्थित गायत्री भवन,मुरलीधर व्यास नगर रोड स्थित मां उष्ट्रवाहिनी, भैरव कुटिया के पास मां आशापुरा मंदिर, सूरसागर के पास स्थित मां करणी मंदिर, विजय भवन स्थित देवी मंदिर, लक्ष्मीनाथ मंदिर परिसर स्थित मां चामुण्डा व नागणेचेजी देवी सहित सहित शहर में विभिन्न स्थानों पर स्थित मां लटियाल, दुर्गा और देवी मंदिरों में सुबह से रात तक दर्शन-पूजन के दौर चले। मंदिरों को रंग बिरंगी रोशनियों से सजाया गया है।