एफआईडीई के चेस इन एजुकेशन कमीशन के अध्यक्ष जैरी नैश ने कहा कि दुनिया में भारत को शतरंज के जन्मदाता के रूप में जाना जाता है। लेकिन यहां की प्रतिभाओं के कारण शतरंज के भविष्य में भी भारत की अलग पहचान होगी। उन्होंने कहा कि अंतराष्ट्रीय चेस फेडरेशन के प्रतिनिधि के तौर राजस्थान आना उनके लिए सम्मान की बात है। राजस्थान सरकार का यह नवाचार प्रशंसनीय है। विद्यार्थियों में रणनीतिक और रचनात्मक क्षमता के विकास में शतरंज का योगदान उनके जीवन का व्यक्तिगत अनुभव हैं।
सेवानिवृत्त न्यायाधीश महेश शर्मा ने कहा कि जैरी नैश द्वारा शतरंज की बारीकियां सिखाना प्रदेश के चेस संघों के लिए बड़ी उपलब्धि है। जैरी नैश ने अमेरिका के विद्यालयों में शतरंज का सकारात्मक प्रयोग प्रतिपादित किया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक रचना भाटिया ने स्वागत उद्बोधन दिया और कहा कि जैरी नैश के अनुभव से टीचर्स नई बारिकियां सीखेंगे तथा यहां से शतरंज के श्रेष्ठ खिलाड़ी निकलेंगे तथा देश दुनिया में प्रदेश का परचम फहराएंगे।
भाटिया ने जैरी नैश की उपलब्धियों पर शिक्षा विभाग की और से अभिनंदन पत्र का वाचन किया। डॉ कल्ला ने नैश को अभिनंदन पत्र सौंपा। संजय धवन ने आगन्तुकों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय चैस प्रतियोगिता के लिए चयनित टीम का भी सम्मान किया गया।