बाल सुधार गृह में वर्तमान में २५ बालक है। इनमें से प्लेस ऑफ सेफ्टी के ११ बालक हैं। इन्हें भीलवाड़ा शिफ्ट कराया जाना है। इसके अलावा संप्रेषण गृह में आठ और किशोर गृह में छह बालक भी हैं। गौरतलब है कि वर्ष २०१८ में बीकानेर में सेफ्टी ऑफ पैलेस शुरू किया था। यहां भवन के अभाव एवं उचित सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने से स्थानीय प्रशासन विधि से संघर्षरत बालकों को अन्यत्र शिफ्ट कराने के प्रयास कर रहा था, लेकिन सफलता आठ महीने बाद मिली है।
बाल सुधार गृह भवन का निर्माण कार्य कराया जाना है। इसके चलते सेफ्टी ऑफ पैलेस के बच्चों को अन्य जगह शिफ्ट करने के लिए निदेशालय को प्रस्ताव भेजे थे। इसकी अनुमति मिल गई। पुलिस अधीक्षक को गार्ड उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखा था, लेकिन अभी तक गार्ड नहीं मिली है।
इससे बच्चों को शिफ्ट नहीं किया जा सका है। गार्ड मिलते ही शिफ्ट करवा दिए जाएंगे।
शारदा चौधरी, अधीक्षक, राजकीय संप्रेषण एवं बाल सुधार गृह
बाल सुधार गृह में झगड़े और दीवार फांदकर बालकों के भागने की घटना के बाद राजस्थान पत्रिका ने विधि से संघर्षरत (सेफ्टी ऑफ पैलेस) बालकों को अन्यत्र शिफ्ट कराने का मुद्दा उठाया था। इसमें बताया गया था कि बीकानेर स्तर पर इन बालकों को अन्य जगह शिफ्ट कराने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन निदेशालय सुनवाई नहीं कर रहा। बीकानेर के बाल संप्रेषण में दो बड़ी बारदात होने के बाद निदेशालय जागा और शिफ्टिंग की स्वीकृति दी।