बीस प्रतिशत तक महंगा हुआ मांझा
स्थापना दिवस पर होने वाली पतंगबाजी के लिए शहर में बड़े स्तर पर पतंग-मांझे की बिक्री होती है। पतंग-मांझा व्यवसाय से जुड़े महेश ओझा के अनुसार पिछले साल की तुलना में इस बार मांझा व सादा डोर के भाव में करीब पन्द्रह से बीस फीसदी भाव बढ़े है। ओझा के अनुसार सादा डोर जो पिछली बार 50 से 60 रुपए में बिका, इस बार 65 से 70 रुपए भाव है। वहीं सादा गट्टा इस बार 190 से 200 रुपए तक बिक रहा है। पिछली बार 150 से 160 रुपए भाव थे। वहीं बरेली मांझा प्रति रील में भी भावों में बढोतरी हुई है।
ग्राहकी कम, खरीददारों का इंतजार
नगर स्थापना दिवस को लेकर शहर के मुख्य बाजारों से लेकर पुराने शहर के गली-मौहल्लों और शहर के बाहरी क्षेत्रों तक में कई दुकानें पतंग-मांझे की सज चुकी है। वर्तमान में परीक्षाओं का आयोजन होने से बच्चे और युवा परीक्षाओं में व्यस्त है। इसका असर पतंगबाजी व पतंग-मांझे की बिक्री पर पड़ रहा है। दुकानदारों को आखाबीज और आखातीज के नजदीक आते-आते अच्छी ग्राहकी की उम्मीद है।
कागज के साथ प्लास्टिक की पतंगे
स्थापना दिवस पर होने वाली पतंगबाजी के लिए दुकानों में कागज की पतंगों के साथ प्लास्टिक की पतंगे बिक्री के लिए उपलब्ध है। इस बार प्लास्टिक की छोटी पतंगों के साथ बड़े आकार की पतंगे भी बड़ी संख्या में उपलब्ध है। वहीं पारम्परिक रुप से मंझोला, अधा, पूणा, तिगी आदि कागज की पतंगे भी बिक्री के लिए उपलब्ध है। बरेली के मांझे के साथ लखनऊ, मुरादाबाद और अहमदाबा की पतंगे शहर के आकाश में उड़ेगी।