करोड़ों रुपए की लागत से बने ये स्कूल भवन अब देखरेख के अभाव में जर्जर होते जा रहे हैं। भारत पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गांव 28 बीडी के नजदीक चक 2 केवाईएम में तीन-चार वर्ष पूर्व शिक्षाकर्मी विद्यालय मर्ज हो गया था। इस जगह शिक्षा विभाग की ओर से वर्ष 1996 में गांव व ढाणियों के बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से शिक्षाकर्मी विद्यालय खोला गया था। लेकिन यह सरकारी स्कूल निजी स्कूलों की प्रतिस्पद्र्धा में पिछड़ गया।
जिसके बाद बंद होने पर इस स्कूल को मर्ज कर दिया। जिसका भवन पिछले कुछ सालों से खाली पड़ा था। जिस पर गांव के लोगों ने कब्जा कर यहां अपना सामान रखा दिया। कुछ जगह इन भवनों का आंगनबाड़ी के रूप में उपयोग हो रहा है लेकिन इस स्कूल में गांव के कुछ लोग अपनी बकरियां बांध रहे हैं।
पीईईओ को नहीं पता इन मर्ज विद्यालयों की समस्त जिम्मेदारी सम्बन्धित पीईईओ विद्यालय के प्रधानाचार्य की होती है, जो कि इसके भवन की सार सम्भाल करते हैं। लेकिन पीईईओ को इस स्कूल के बारे में जानकारी तक नहीं है। पत्रिका संवाददाता ने ग्रामीणों से पूछताछ की तो बकरियों के मालिक ने बकरियां तो भवन से निकाल ली, लेकिन यहां चारों तरफ फैली गंदगी यहीं पड़ी रह गई। इसकी सूचना कार्यावाहक मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी खाजूवाला को दी गई। जिसपर उन्होंने भवन खाली करवाने का आश्वासन दिया।
इन्हें अब मिली सूचना खाजूवाला ग्रामीण क्षेत्र में बन्द पड़े विद्यालय में बकरियां बांधने की जानकारी मिली है। जिस पर सम्बन्धित पीईईओ को सूचना देकर एक दो दिन में स्कूल भवन खाली करवाया जाएगा।
– रामप्रताप मीणा, कार्यवाहक मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, खाजूवाला