आवास योजना में स्वीकृति और प्रथम किस्त जारी हुई लेकिन आवास पूर्ण होने तक पहुंचे महज १३ फीसदी। स्वच्छता मिशन में जिले की सभी २९० ग्राम पंचायतों को ओडीएफ घोषित किया गया। परन्तु गांवों में कचरा प्रबंधन की व्यवस्था नहीं हो पाई। मनरेगा में ३ लाख ५४ हजार जॉब कार्ड है। वर्ष २०१४ से २०१९ तक का ८२३ लाख रुपए से अधिक का भुगतान बकाया हैं। सुखद बात यह है कि गांवों में स्वच्छता के लिए सोचना शुरू हुआ है और शौचालय निर्माण से कुछ हालात सुधरे है।
नोखा. सरकार स्वच्छता अभियान को लेकर खूब दावे कर रही है, लेकिन इन दावों की हकीकत नाथूसर गांव के हालात बयां कर रहे है। गांव के बीचोंबीच गंदा पानी जमा हो रहा है। इसमें सड़ांध और मच्छर पैदा हो रहे हैं, फिर भी समाधान नहीं किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यहां पर पुराना जलहौद बना है जो जर्जर होने के कारण रिसता रहता है। साथ ही बारिश के पानी की निकासी व्यवस्था नहीं होने से हालात और खराब हो जाते हैं।
आवास व मनरेगा में पीछे
गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण, स्वच्छ भारत मिशन और ग्रामीण रोजगार के लिए मनरेगा शामिल है। गांव में आवंटित ७१ आवास में से ३१ आवासों का ही काम पूरा हुआ है। मनरेगा में श्मशान भूमि पर टीनशेड निर्माण कार्य हुआ है। बड़ा काम धरातल पर नहीं दिखता।
गांव का एक पुराना जलहौद जर्जर होने के कारण इससे पानी निकलकर जमा हो रहा है। विभाग को लिखित में दिया हुआ है कि इस जलहौद को गिराया जाए, या ग्राम पंचायत को गिराने की अनुमति दी जाए। प्रधानमंत्री आवास योजना में आधे लोगों के मकान पूरे हो गए है, कुछ के पैसे अटके है, पैसे दिलाने का प्रयास किया जा रहा है।
मुकेश सियाग, सरपंच नाथूसर।