रैंकिंग में सुधार और देशभर में स्वच्छ बीकानेर का संदेश देने के लिए आमजन को स्वच्छता कार्यों के प्रति जागरूक करने की जरूरत अब भी बनी हुई है। नगर निगम के सीमित साधन-संसाधन और सफाई कर्मचारियों की कमी शहर की स्वच्छता को प्रभावित कर रही है। निगम क्षेत्र में पशुओं के बाड़े, निराश्रित पशु, पॉलीथिन के उपयोग पर प्रतिबंध में ढिलाई शहर को साफ-सुथरा बनाने में बाधक बने हुए है।
स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर सभी के प्रयासों में कोई कमी नहीं है और निगम ने सर्वेक्षण के लिए सिटी प्रोफाइल, सेल्फ एसेसमेंट व इनोवेशन को लेकर ऑनलाइन रिपोर्ट अपलोड कर दी है, लेकिन आधारभूत व्यवस्था की कमी से रैंकिंग में अधिक सुधार होगा, यह गर्त में छिपा है। स्वच्छता सर्वेक्षण जनवरी से मार्च तक होना है।
बदलनी होगी सोच
निगम और संस्थाओं के प्रयासों से हालांकि लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता आ रही है, लेेकिन यह नाकाफी है। प्रतिदिन सफाई होने व कचरे के उठ जाने के बाद लोग और दुकानदार कचरे को सड़कों पर डाल रहे हैं। इससे दिनभर गंदगी रहती है। सड़कों पर कचरा डालने की सोच में बदलाव लाना होगा।
निगम और संस्थाओं के प्रयासों से हालांकि लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता आ रही है, लेेकिन यह नाकाफी है। प्रतिदिन सफाई होने व कचरे के उठ जाने के बाद लोग और दुकानदार कचरे को सड़कों पर डाल रहे हैं। इससे दिनभर गंदगी रहती है। सड़कों पर कचरा डालने की सोच में बदलाव लाना होगा।
नाले जाम, फैला कचरा
शहर को साफ-सुथरा बनाने और स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर नगर निगम कुछ भी दावे करे, लेकिन शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर, नाला जाम की समस्या से आमजन परेशान है। शहर के बाहरी क्षेत्रों की कॉलोनियों और मुख्य बाजारों में स्वच्छता की कमी है। सफाईकर्मियों की कमी व नियमित कचरा नहीं उठने से गंदगी रहती है।
शहर को साफ-सुथरा बनाने और स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर नगर निगम कुछ भी दावे करे, लेकिन शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर, नाला जाम की समस्या से आमजन परेशान है। शहर के बाहरी क्षेत्रों की कॉलोनियों और मुख्य बाजारों में स्वच्छता की कमी है। सफाईकर्मियों की कमी व नियमित कचरा नहीं उठने से गंदगी रहती है।
यह भी जरूरी
-निराश्रित पशुओं के लिए बने गोशाला।
– बाजारों में दिन में दो बार हो सफाई।
-हर दुकान, ठेले के पास कचरा पात्र रहे।
-कचरा फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
-पॉलीथिन पर सख्ती से प्रतिबंध लगे।
-हर व्यक्ति शहर की स्वच्छता के लिए आए आगे
-साधन-संसाधन और सफाई कर्मचारियों में बढ़ोतरी हो।
-निराश्रित पशुओं के लिए बने गोशाला।
– बाजारों में दिन में दो बार हो सफाई।
-हर दुकान, ठेले के पास कचरा पात्र रहे।
-कचरा फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
-पॉलीथिन पर सख्ती से प्रतिबंध लगे।
-हर व्यक्ति शहर की स्वच्छता के लिए आए आगे
-साधन-संसाधन और सफाई कर्मचारियों में बढ़ोतरी हो।
प्रयास जारी
शहर को स्वच्छ बनाने और स्वच्छता सर्वेक्षण में रैंकिंग में सुधार के लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं। शहर के 60 में से 54 वार्ड ओडीएफ घोषित हो चुके हैं। घर-घर कचरा संग्रहण एनजीओ के माध्यम कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के शुरू होने से भी शहर की स्वच्छता में लाभ होगा। प्लास्टिक की थैलियों पर प्रतिबंध से भी सफाई कार्य पर असर पड़ेगा। आमजन को भी जागरूक किया जा रहा है।
अनिल गुप्ता, जिला कलक्टर, बीकानेर
शहर को स्वच्छ बनाने और स्वच्छता सर्वेक्षण में रैंकिंग में सुधार के लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं। शहर के 60 में से 54 वार्ड ओडीएफ घोषित हो चुके हैं। घर-घर कचरा संग्रहण एनजीओ के माध्यम कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के शुरू होने से भी शहर की स्वच्छता में लाभ होगा। प्लास्टिक की थैलियों पर प्रतिबंध से भी सफाई कार्य पर असर पड़ेगा। आमजन को भी जागरूक किया जा रहा है।
अनिल गुप्ता, जिला कलक्टर, बीकानेर