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पहली बार आयोजित हुआ दीक्षांत समारोह और डिग्रियाँ लेने की भी फुर्सत नहीं, देखिये वीडियो

locationबीकानेरPublished: May 16, 2018 01:25:39 pm

Submitted by:

dinesh kumar swami

डिग्रियाँ लेने की भी फुर्सत नहीं

convocation
बीकानेर . मेडिकल कॉलेज मंगलवार को सतरंगी रंगोली से सजाया गया। जहां एक ओर मुख्य द्वार व दीवारों पर सजे पुष्पहारों की सुंगध से कॉलेज परिसर महक रहा था वहीं डिग्री लेने पहुंचे मेडिकल छात्रों की पौशाकें हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींच रही थी। वर्षों तक जिस डिग्री के इंतजार में छात्र-छात्राओं ने अथक मेहनत की थी, उनके चेहरों पर डिग्री पाने की खुशी साफ झलक रही थी।
छात्र सफेद कुर्ता पायजामा और लाल दुपट्टा पहले थे, वहीं छात्राएं क्रीम कलर की लाल बॉर्डर की साड़ी और लालरंग का शॉल ओढ़े नजर आईं। शिक्षक सफेद कुर्ता पायजामा और पीला दुपट्टा तथा शिक्षिकाएं क्रीम कलर की लालरंग के बॉर्डर की साड़ी पर पीला दुपट्टा ओढ़े नजर आई।
यह अवसर था एसपी मेडिकल कॉलेज के लघु दीक्षांत समारोह का। समारोह में मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस, एमसीएच, डीएम, एमडी डिप्लोमा, एमएससी की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्र-छात्राओं को डिग्रियां प्रदान की गई। कॉलेज सभागार में तालियों की गडग़ड़ाहट के बीच मुख्य अतिथि कॉलेज प्राचार्य डॉ. आरपी अग्रवाल ने डिग्रियां प्रदान की। समारोह के विशिष्ट अतिथि अतिरिक्त प्राचार्य प्रथम डॉ. लियाकत अली गौरी, अतिरिक्त प्राचार्य द्वितीय डॉ. रंजन माथुर, पीबीएम अधीक्षक डॉ. पीके बैरवाल एवं डॉ. बीपी शर्मा थे।
१७५ का रजिस्ट्रेशन, लेने पहुंचे १०३

एसपी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस, एमसीएच, डीएम, एमडी डिप्लोमा, एमएससी की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले ४१८ विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की जानी थी। वर्ष २०१४ के उत्तीर्ण २१८ एवं वर्ष २०१५ के उत्तीर्ण २०० मेडिकल विद्यार्थी शामिल थे। लघु दीक्षांत समारोह के लिए १७५ छात्र-छात्राओं का रजिस्ट्रेशन हुआ लेकिन डिग्रियां लेने के लिए महज १०३ ही समारोह में पहुंचे। कॉलेज प्राचार्य ने छात्र-छात्राओं को डिग्रियां प्रदान की। इससे पूर्व अतिथियों को माल्यार्पण, शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया गया।
मेडिकल छात्रों को नसीहत
कॉलेज प्राचार्य ने मेडिकल छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में जितनी तेजी से बदलाव आ रहा है, प्रगति हो रही, वह हमारे सामने है। हमें इन बदलावों के साथ चलना चाहिए। मेडिकल विवि का उद्देश्य महज विज्ञान व तकनीक को उच्चतम स्तर पर ले जाना ही नहीं, वरन ज्ञान व विज्ञान की प्रगति के साथ उसके उपयोग का एक संवेदनशील वातावरण बनाना होगा। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रमों व शोध कार्यों की गुणवत्ता के स्तर पर अभी और कार्य करने की जरूरत है।
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