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पदोन्नत प्रधानाचार्यों का काउंसलिंग कार्यक्रम घोषित

locationबीकानेरPublished: Aug 19, 2021 06:55:08 pm

Submitted by:

Atul Acharya

पंचायत चुनावों में ड्यूटी वाले शिक्षा अधिकारियों में असमंजस
 

पदोन्नत प्रधानाचार्यों का काउंसलिंग कार्यक्रम घोषित

पदोन्नत प्रधानाचार्यों का काउंसलिंग कार्यक्रम घोषित

बीकानेर. शिक्षा विभाग में वर्ष 20-21 की डीपीसी में प्रधानाचार्य पदों पर चयनित हुए शिक्षा अधिकारियों का काउंसलिंग कार्यक्रम घोषित कर दिया गया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार पदस्थापन देने के लिए काउंसलिंग 23 अगस्त से शुरू होगी जो 26 अगस्त तक चलेगी।
वर्ष 20-21 की डीपीसी में 1071 शिक्षा अधिकारियों का चयन प्रधानाचार्य पदों पर किया गया था। इनमें 979 व्याख्याता संवर्ग के तथा 196 प्रधानाध्यापक माध्यमिक के संवर्ग से बनाए गए थे। इनमें चयन आदेश पिछले माह 28 जुलाई को जारी किए गए थे। 31 जुलाई तक करीब 100 शिक्षा अधिकारी पदस्थापन से पहले ही सेवा निवृत हो चुके है। अब पदस्थापन केवल 1071 को ही मिलेगा।

ये रहेगा कार्यक्रम
काउंसलिंग निदेशालय स्थित शिविरा भवन में सुबह 10.30 बजे से शुरू होगी। काउंसलिंग कार्यक्रम के अनुसार 23 अगस्त को सभी विशेष श्रेणी के अभ्यर्थियों के अलावा वरीयता क्रमांक 1 से 300 तक के शिक्षा अधिकारियों की काउंसलिंग होगी। निदेशालय द्वारा अस्थाई वरीयता सूची में ऐसे अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी गई है फि र भी इस संवर्ग का कोई अभ्यर्थी छूट गया हो तो वो अपने आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत कर अपना नाम जुड़वा सकता है। 24 को वरीयता क्रमांक 301 से 600 तकए 25 को वरीयता क्रमांक 601 से 900 तक 26 को वरीयता क्रमांक 901 से 1071 वालों की काउंसलिंग होगी।
चुनाव ड्यूटी वाले असमंजस में
जिन प्रधानाचार्य पदों पर पदोन्नत शिक्षा अधिकारियों की पंचायत चुनावों में ड्यूटी लगी है उन्हे इस काउंसलिंग कार्यक्रम ने असमंजस में डाल दिया है क्योंकि 6 जिलों में प्रथम चरण के चुनाव 26 अगस्त को होने है तथा जिनकी ड्यूटी लगी है उन्हे 25 को मतदान केंद्र पर पहुंचना होगा ऐसे में वे मतदान कराएं या काउंसलिंग में उपस्थित हो, इसे लेकर पाशोपश में है।

अगर वे चुनाव कराने पहुंचते है तो काउंसलिंग में उपस्थित नही हो सकते और काउंसलिंग में आते है तो उनके खिलाफ कार्यवाही हो सकती है। अगर वे चुनाव कराते है तो वे इच्छित स्थान के चयन से वंचित हो जाते है। शिक्षक संगठनों ने ऐसे शिक्षा अधिकारियों को या तो चुनाव ड्यूटी से मुक्त करने या फि र काउंसलिंग तिथियों में परिवर्तन करने की मांग की है।
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