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राठ मुस्लिम परिवार पाल रहे राठी नस्ल की गायें, पालन-पोषण कर दे रहे बढ़ावा

locationबीकानेरPublished: Nov 02, 2017 11:46:41 am

मुस्लिम परिवार उत्तम सांड का चयन करके (सलेक्टिव ब्रीडिंग) नस्ल का संवद्र्धन कर रहे हैं। राठी गायों की संख्या क्षेत्र में करीब 3 लाख बताई जा रही है।

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देश में जहां मुस्लिम और गायों को लेकर बवाल मचा हुआ है, वहीं पश्चिमी राजस्थान की देशी राठी नस्ल की गायों का संवद्र्धन एवं संरक्षण राठ जाति के मुस्लिम परिवार कर रहे हैं। ये परिवार बीकानेर , श्रीगंगानगर तथा पंजाब क्षेत्र के अबोहर, फाजिल्का में इस नस्ल की गायों का पालन-पोषण परम्परागत रूप से कर रहे हैं। इन परिवारों के पास राठी नस्ल की 50,100 या इससे ज्यादा गाये हैं।
ये मुस्लिम परिवार उत्तम सांड का चयन करके (सलेक्टिव ब्रीडिंग) नस्ल का संवद्र्धन कर रहे हैं। राठी गायों की संख्या क्षेत्र में करीब 3 लाख बताई जा रही है। उरमूल ट्रस्ट लूणकरनसर एवं सूरतगढ़ क्षेत्र के 10-10 गांवों में नेशनल डेयरी डवलमेंट बोर्ड के प्रोजेक्ट तहत सलेक्टिव ब्रीडिंग के लिए सांड तैयार कर रहा है। ये सांड मुस्लिम पशुपालकों से लिए गए हैं।
संकर नस्ल है राठी
बताया जाता है कि 70-80 साल पहले राठ मुस्लिम पशुपालक ने पाकि स्तान की थारपारकर, लाल सिंधी तथा साईवाल नस्लों की संकर राठी नस्ल विकसित की। बीकानेर जिले में लूणकरनसर, शेखसर, ढाणी पांडूसर, राणीसर में आज भी राठी नस्ल की गायों का 40, 50 या इससे ज्यादा संख्या के समूह हैं। श्रीगंगानगर के सरदारगढ़ इलाके में राठी नस्ल की गायें अधिक हैं। राठ मुस्लिम परिवारों की आजीविका का साधना ये गाय ही हैं।
50 से 80 हजार रुपए कीमत
ये परिवार अच्छी नस्ल की गायों को बेचने का काम करते हैं। गायों की कीमत दूध के हिसाब से तय होती है। बताया जाता है कि इन गायों की कीमत 50 हजार से 80 हजार रुपए तक है। लोग विश्वास के साथ इन्हें खरीदते हैं। हालांकि लूणकरनसर तथा सूरतगढ़ के 10-12 गांवों में अन्य जातियों के पशुपालकों के पास भी राठी गायें हैं।
संवद्र्धन का कार्य
लूणकरनसर के अलावा छतरगढ़, घड़साना में मुस्लिम पशुपालकों के पास राठी हर्ड है। उरमूल ट्रस्ट ने राठी गायों की नस्ल संवद्र्धन के लिए कार्य इन्हीं मुस्लिम परिवारों के क्षेत्र में किया है। ट्रस्ट राठी नस्ल संवद्र्धन के तहत राठी सांड का वीर्य कृत्रिम गर्भाधान के लिए केन्द्रों में उपलब्ध करवाता है।
अरविन्द ओझा, उरमूल ट्रस्ट
घड़साना, खाजूवाला से खरीदी
बीछवाल में राठी गायें दूध के लिए रखी हुई हैं। ये गायें लूणकरनसर, घड़साना, केला, श्रीगंगानगर से खरीदी हैं। कुछ गायें राठी की अमरीकन के साथ क्रॉस ब्रीड की भी हैं। राठी नस्ल इस इलाके के लिए अच्छी है।
असद खां, पशुपालक
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