इनके कारण आए दिन लोग चोटिल हो रहे हैं, कुछ लोग तो इनकी चपेट में आकर जान भी गंवा चुके हैं। शहर के मुख्य बाजारों, प्रमुख मार्गों, कॉलोनियों, पुराने शहर के गली-मोहल्लों में निराश्रित गोवंश की भरमार रहती है। इनके कारण आए दिन दुर्घटनाएं भी होती हैं। निराश्रित गोवंश के लिए गोशाला निर्माण का महापौर का आश्वासन तीन साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया है।
भाजपा पार्षदों ने दिया था धरना
गोशाला निर्माण को लेकर कुछ भाजपा पार्षदों ने नगर निगम परिसर में धरना भी दिया था। धरने के दौरान पार्षदों को भी महज आश्वासन ही मिला। विपक्षी कांग्रेस पार्षद भी लगातार गोशाला निर्माण की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन अभी तक गोशाला नहीं बन पाई।
गोशाला निर्माण को लेकर कुछ भाजपा पार्षदों ने नगर निगम परिसर में धरना भी दिया था। धरने के दौरान पार्षदों को भी महज आश्वासन ही मिला। विपक्षी कांग्रेस पार्षद भी लगातार गोशाला निर्माण की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन अभी तक गोशाला नहीं बन पाई।
खतरनाक बने सांड
शहर में खुले में घूम रहे सांड खतरनाक बने हुए हैं। इनके कारण लोग घायल होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। नगर निगम में हालांकि पकडऩे की व्यवस्था है, लेकिन इन्हें रखने की समस्या है। निराश्रित गोवंश के लिए गोशाला हो तो इन्हें रखा जा सकता है। जानकारी के अनुसार जिले में संचालित गोशालाएं भी निराश्रित सांडों को रखने को तैयार नहीं हैं।
शहर में खुले में घूम रहे सांड खतरनाक बने हुए हैं। इनके कारण लोग घायल होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। नगर निगम में हालांकि पकडऩे की व्यवस्था है, लेकिन इन्हें रखने की समस्या है। निराश्रित गोवंश के लिए गोशाला हो तो इन्हें रखा जा सकता है। जानकारी के अनुसार जिले में संचालित गोशालाएं भी निराश्रित सांडों को रखने को तैयार नहीं हैं।
हर साधारण सभा में मांग
नगर निगम की प्रत्येक साधारण सभा में पार्षदों ने निराश्रित गोवंश की समस्या को प्रमुखता से उठाया है। हर बार गोशाला निर्माण की बात उठती है, लेकिन इसके लिए अभी तक जमीन भी उपलब्ध नहीं हो पाई है। कभी स्थानीय तो कभी सरकार स्तर पर गोशाला की जमीन को लेकर कोई अड़चन आ जाती है। इससे गोशाला निर्माण की योजना दो कदम आगे बढ़कर तीन कदम पीछे चले जाती है।
नगर निगम की प्रत्येक साधारण सभा में पार्षदों ने निराश्रित गोवंश की समस्या को प्रमुखता से उठाया है। हर बार गोशाला निर्माण की बात उठती है, लेकिन इसके लिए अभी तक जमीन भी उपलब्ध नहीं हो पाई है। कभी स्थानीय तो कभी सरकार स्तर पर गोशाला की जमीन को लेकर कोई अड़चन आ जाती है। इससे गोशाला निर्माण की योजना दो कदम आगे बढ़कर तीन कदम पीछे चले जाती है।
प्रयास जारी
शहर में निराश्रित गोवंश की संख्या बढ़ रही है, जो चिंता का विषय है। इनसे आमजन भी परेशान है। इस समस्या का शीघ्र समाधान जरूरी है। निराश्रित गोवंश के लिए गोशाला निर्माण के प्रयास जारी हैं। दो स्थानों पर निर्माण का मानस बनाया है। सरकार की स्वीकृति मिलने का इंतजार है।
नारायण चोपड़ा, महापौर, नगर निगम बीकानेर
शहर में निराश्रित गोवंश की संख्या बढ़ रही है, जो चिंता का विषय है। इनसे आमजन भी परेशान है। इस समस्या का शीघ्र समाधान जरूरी है। निराश्रित गोवंश के लिए गोशाला निर्माण के प्रयास जारी हैं। दो स्थानों पर निर्माण का मानस बनाया है। सरकार की स्वीकृति मिलने का इंतजार है।
नारायण चोपड़ा, महापौर, नगर निगम बीकानेर
जनता भुगत रही खमियाजा
महापौर निराश्रित गोवंश के लिए गोशाला निर्माण का आश्वासन तीन साल से दे रहे हैं। कुछ समाधान नहीं निकला है। निराश्रित गोवंश के कारण लोग जान गंवा चुके हैं व घायल हो रहे हैं। महापौर और भाजपा पार्षदों की नूरा कुश्ती का खमियाजा जनता भुगत रही है। कांग्रेस सड़क से सदन तक गोशाला निर्माण की मांग उठाती रही है।
जावेद पडि़हार, नेता प्रतिपक्ष, नगर निगम बीकानेर
महापौर निराश्रित गोवंश के लिए गोशाला निर्माण का आश्वासन तीन साल से दे रहे हैं। कुछ समाधान नहीं निकला है। निराश्रित गोवंश के कारण लोग जान गंवा चुके हैं व घायल हो रहे हैं। महापौर और भाजपा पार्षदों की नूरा कुश्ती का खमियाजा जनता भुगत रही है। कांग्रेस सड़क से सदन तक गोशाला निर्माण की मांग उठाती रही है।
जावेद पडि़हार, नेता प्रतिपक्ष, नगर निगम बीकानेर