ओहरी बताते हैं कि भारतीय टीम में यहां के खिलाडि़यों को मौका मिले, इसके लिए वे प्रयासरत है। साल १९७६ से ४१ साल से राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर बीकानेर में क्रिकेट खेलना शुरू किया। यहां के खिलाडि़यों व कोचों को अपने कार्य में ढालने का प्रयास भी किया। ओहरी ने बताया कि अभी मेरी नजर में १४ से २१ वर्ष की उम्र में २० से २२ बच्चे हैं, जिनसे बहुत उम्मीदें है।
यह खिलाड़ी अंडर १४, १६, १९,२३ प्रतियोगिता खेल रहे हंै। उन्होंने कहा कि बीकानेर के पांच-छह खिलाडि़यों से उम्मीद है कि वे अगले दो-तीन सालों में राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करेंगे। ओहरी ने बताया कि कुछ खिलाडि़यों में जबरदस्त समर्पण भावना व जीतने का दृढ़ निश्चय है। अगले दो-तीन वर्ष उनके भविष्य को संवारने में महत्वपूर्ण होंगे।
हम उद्देश्य में कामयाब होंगे
ओहरी बताते हैं कि प्रत्येक प्रशिक्षक का सपना होता है कि उनके तैयार किए हुए खिलाड़ी देश के लिए खेलें। मेरा भी यही लक्ष्य है कि यहां के खिलाड़ी भी भारतीय टीम में खेलकर अपने देश का नाम रोशन करें। उन्होंने कहा कि थकान तो नींद ला सकती है, लेकिन जब तक लक्ष्य प्राप्ति न हो तो खिलाड़ी को नींद नहीं आनी चाहिए।
ओहरी बताते हैं कि प्रत्येक प्रशिक्षक का सपना होता है कि उनके तैयार किए हुए खिलाड़ी देश के लिए खेलें। मेरा भी यही लक्ष्य है कि यहां के खिलाड़ी भी भारतीय टीम में खेलकर अपने देश का नाम रोशन करें। उन्होंने कहा कि थकान तो नींद ला सकती है, लेकिन जब तक लक्ष्य प्राप्ति न हो तो खिलाड़ी को नींद नहीं आनी चाहिए।