scriptचार दशक में तराशे खिलाड़ी, बजाया प्रतिभा का डंका | Cricket coach ohari | Patrika News

चार दशक में तराशे खिलाड़ी, बजाया प्रतिभा का डंका

locationबीकानेरPublished: Jan 04, 2019 11:14:05 am

Submitted by:

dinesh kumar swami

सचिन के कोच रहे रमाकांत के पद चिन्हों पर चल रहे हमारे कोच
 

Cricket coach ohari

चार दशक में तराशे खिलाड़ी, बजाया प्रतिभा का डंका

बीकानेर. देश को सचिन तेंदुलकर जैसा महान क्रिकेटर देने वाले कोच रमाकांत आचरेकर गुरुवार को दुनिया से अलविदा हो गए। रमाकांत आचरेकर जैसे कोच देश में बिरले ही है। लेकिन उनके पद चिन्हों पर चलने वालों में एक नाम बीकानेर के क्रिकेट कोच अशोक ओहरी का भी है। नए खिलाडि़यों को तैयार करने वाले जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष अशोक ओहरी ने अपने ४१ साल के केरियर में दर्जनों खिलाडि़यों को तराशा है। उनके तैयार किए खिलाड़ी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का डंका बजा रहे हैं। बीकानेर में १९८५ से लेकर अब तक राष्ट्रीय स्तर पर बीकानेर के ६० से अधिक खिलाड़ी अपना हुनर दिखा चुके हैं। इनमें रतनसिंह, जाकिर हुसैन, राजेश विश्नोई, गजेन्द्र सिंह व मधुर खत्री का नाम खेल प्रेमियों के जुबान पर है।
इन्होंने रणजी, दिलीप ट्रॉफी, देवधर ट्रॉफी सहित कई राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लिया है। वहीं राजेश व गजेन्द्रसिंह ने आइपीएल भी खेला है। अंतरराष्ट्रीय टीमों के विरुद्ध गजेन्द्र, राजेश व जाकिर हुसैन ने कई मैच खेले हैं।

ओहरी बताते हैं कि भारतीय टीम में यहां के खिलाडि़यों को मौका मिले, इसके लिए वे प्रयासरत है। साल १९७६ से ४१ साल से राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर बीकानेर में क्रिकेट खेलना शुरू किया। यहां के खिलाडि़यों व कोचों को अपने कार्य में ढालने का प्रयास भी किया। ओहरी ने बताया कि अभी मेरी नजर में १४ से २१ वर्ष की उम्र में २० से २२ बच्चे हैं, जिनसे बहुत उम्मीदें है।
यह खिलाड़ी अंडर १४, १६, १९,२३ प्रतियोगिता खेल रहे हंै। उन्होंने कहा कि बीकानेर के पांच-छह खिलाडि़यों से उम्मीद है कि वे अगले दो-तीन सालों में राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करेंगे। ओहरी ने बताया कि कुछ खिलाडि़यों में जबरदस्त समर्पण भावना व जीतने का दृढ़ निश्चय है। अगले दो-तीन वर्ष उनके भविष्य को संवारने में महत्वपूर्ण होंगे।
हम उद्देश्य में कामयाब होंगे
ओहरी बताते हैं कि प्रत्येक प्रशिक्षक का सपना होता है कि उनके तैयार किए हुए खिलाड़ी देश के लिए खेलें। मेरा भी यही लक्ष्य है कि यहां के खिलाड़ी भी भारतीय टीम में खेलकर अपने देश का नाम रोशन करें। उन्होंने कहा कि थकान तो नींद ला सकती है, लेकिन जब तक लक्ष्य प्राप्ति न हो तो खिलाड़ी को नींद नहीं आनी चाहिए।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो