वहीं विजयदान देथा की कहानी पर रचे गए नाटक मूजी सूरमा का प्रदर्शन हुआ। आयोजन से जुड़े दीपांशु तिवारी के अनुसार फेस्टिवल में राजस्थान रूरल टूरिज्म पर परिचर्चा हुई। आईएएस श्रेया गुहा ने कहा कि कोरोना काल के बाद राजस्थान में रूरल टूरिज्म की संभावनाएं बढ़ जाएगी। पर्यटक शहरों की तुलना में ग्रामीण इलाकों में घूमना अधिक पसंद करेंगे। इसलिए रूरल टूरिज्म को बढ़ावा देने की जरुरत है। अमितावा भट्टाचार्य ने कहा कि राजस्थान में लोक कलाओं, हस्त कलाओं और स्थानीय परम्पराओं को टूरिज्म से जोड़ा जाए तो पर्यटन की संभावनाएं बढ़ जाएगी। लोकायन अध्यक्ष महावीर स्वामी के अनुसार शुक्रवार को कच्ची घोड़ी नृत्य, लोक एवं सूफी गीतों की प्रस्तुति और राजस्थानी कविता पाठ का आयोजन होगा।