कार्यवाहक जिला कलक्टर अरुण प्रकाश शर्मा ने बताया कि जवाहर कला केंद्र, प्रदेश की कला एवं संस्कृति के संरक्षण के साथ स्थापित एवं नवोदित कलाकारों को अवसर प्रदान करने के लिए कार्य करता है। इसी उद्देश्य से जवाहर कला केंद्र और कलाकारों को प्रत्यक्ष रूप से जोडऩे के लिए कलाकारों का डेटाबेस तैयार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसका उद्देश्य कलाकारों को लोक संगीतए नृत्य, आदिवासी संगीत, नृत्य, शास्त्रीय संगीत, गायन, वादन एवं नृत्य के हुनर को राज्य स्तरीय मंच प्रदर्शन के अवसर प्रदान करना, प्रदेश के कलाकारों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करना, कलाकारों के कला प्रदर्शन के फलस्वरूप मानदेय आदि का भुगतान किया जाकर उन्हें आर्थिक संबल प्रदान करना है। कलाकारों द्वारा भरे हुए आवेदन पत्र 15 अगस्त तक जवाहर कला केंद्र को प्रेषित किए जा सकते हैं।
महानिदेशक ने दिए निर्देश
जवाहर कला केंद्र की महानिदेशक मुग्धा सिन्हा ने इस संबंध में सभी जिलों को पत्र प्रेषित करते हुए कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान सरकार द्वारा बजट सत्र के दौरान राज्य की कला एवं शिल्प को प्रोत्साहित एवं संरक्षित करने के उद्देश्य से जवाहर कला केंद्र में विशेषज्ञ कलाकारों द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने तथा प्रदेश के जरूरतमंद कलाकारों को सहायता उपलब्ध करवानेए राजकीय संरक्षण प्रदान करने, उनके कल्याण एवं संबल के लिए 15 करोड़ रुपए के कलाकार कल्याण कोष के प्रावधान की घोषणा की गई थी।