पीबीएम चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक संदीप बिश्नोई के अनुसार जिले के सूडसर गांव के निवासी आशूराम जाट की पत्नी गायत्री (35) की रविवार दोपहर को पीबीएम के जनाना अस्पताल में सिजेरियन डिलीवरी हुई थी। रविवार शाम को महिला की अचानक तबीयत खराब हो गई। परिजनों का आरोप है कि सूचना देने के बावजूद चिकित्सा स्टाफ और फिर चिकित्सक ने उपचार में लापरवाही बरती।
इससे देर रात प्रसूता की मौत हो गई। आक्रोशित परिजनों का आरोप है कि उपचार में लापरवाही नहीं की जाती तो महिला बच सकती थी। संदीप बिश्नोई के अनुसार महिला की मौत से परिजन आक्रोशित हो गए और उन्होंने विरोध जताया। परिजनों ने चिकित्सालय में तोडफ़ोड़ की और स्टाफ से हाथापाई की। बताया गया है कि महिला की तीसरी डिलीवरी थी। नवजात स्वस्थ है। बिश्नोई के अनुसार एकबारगी परिजनों को समझाइश कर शांत कर दिया है। शव मोर्चरी में रखवा दिया गया है। सुबह परिजन चाहेंगे तो आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सरकारी विद्यालयों को पीपीपी मोड पर देने का विरोध
बीकानेर. सरकारी विद्यालयों को पीपीपी मोड पर दिए जाने के सरकार के निर्णय का राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ ने विरोध किया है। संघ के प्रदेश उप सभाध्यक्ष मोहरसिंह सलावद ने बताया कि सरकारी स्कूल को पीपीपी मोड पर देने के निर्णय के खिलाफ मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री को ज्ञापन देकर सरकारी विद्यालयों को पीपीपी मोड पर नहीं देने की मांग की थी, लेकिन सरकार ने हठधर्मिता अपनाते हुए स्कूल को पीपीपी मोड पर देने के लिए सूची जारी जार दी है। रेस्टा इस पर कड़ा विरोध जता रहा है।
दूसरी ओर राजस्थान शिक्षक संघ अम्बेडकर की बैठक रविवार को रतन बिहारी पार्क में हुई। इस दौरान रोहिताश कांटिया ने सातवें वेतनमान को केन्द्र के समान एक जनवरी 2016 से दिए जाने की मांग की। मोडाराम कडेला ने शिक्षकों के 2012 से बकाया एरियर एवं स्थाईकरण से वंचित शिक्षकों के एकमुश्त भुगतान की मांग की। अशोक खत्री ने सरकारी स्कूलों को पीपीपी मोड पर दिए जाने का विरोध किया। इस दौरान चेतराम, भवानी शंकर बनिया, रतन
जीनगर, धर्मवीर, संतोष मेहरड़ा, दिनेश आदि सदस्य मौजूद थे।