परन्तु अब तक उस वाहन का कोई पता नहीं चल पाया है। हादसे के समय जीवराज अकेले कार में होना, जबकि जिस फार्म हाउस से वह रवाना हुए वहां चार और लोग की मौजूदगी, उनके बयानों में विरोधाभास ने पुलिस को उलझा दिया है। पुलिस यह हादसा ही है या कुछ और इसे लेकर भी नतीजे पर नहीं पहुंची है। जीवराज के दोस्तों के अलग-अलग बयान संदेह पैदा कर रहे हैं। परिजनों का भी कहना है कि हादसे की असलियत सामने आनी चाहिए। पढ़ें विधायक ञ्च पेज १३
पुलिस की शक की सुई
हादसे वाली रात जीवराज के साथ फार्म हाउस में चार दोस्त थे। जीवराज को जब परिजन घायलावस्था में पीबीएम अस्पताल लाए तब रात करीब पौने दो बजे एक दोस्त पहुंचा था। दोस्तों में से एक ने परिजनों को बताया कि फार्म हाउस से लौटते समय उन्होंने जीवराज को सड़क पर पड़ा देखा लेकिन, साथी ने गाड़ी नहीं रोकने दी। पुलिस जीवराज के चारों दोस्तों से पूछताछ कर रही है।
सवाल खड़े कर रहे हालात
जीवराज कभी अकेले कहीं नहीं जाते थे। हादसे वाली रात वे अकेले ही फॉर्म हाउस से कैसे आ रहे थे। जबकि फार्म हाउस में उनके दोस्त भी उनके साथ बताए जाते हैं। पुलिस रिपोर्ट में जीवराज की कार को बोलेरो गाड़ी के टक्कर मारना दर्ज है। पुलिस इस गाड़ी का पता लगाना तो दूर यह भी तय नहीं कर पाई कि कार को किसी ने टक्कर मारी या अपने आप अनियंत्रित होकर पलटी। जीवराज की कार पलटी हुई और वह सड़क पर गिरे मिले। कार के सभी गेट लॉक थे। उनका हाथ की हड्डी कोहनी के पास से टूटी हुई थी।
यह भी जांच के दायरे में
जीवराज श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र में प्रतिष्ठित व्यक्ति थे। नगर पालिका श्रीडूंगरगढ़ का चेयरमैन रह चुके थे। एेसे में आगामी विधानसभा चुनावों में प्रबल दावेदार थे। उनका कुछ लोगों से रुपए का लेनदेन भी था। एेसे में पुलिस ने इन पहलुओं को भी जांच के दायरे में लिया है।
जीवराज श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र में प्रतिष्ठित व्यक्ति थे। नगर पालिका श्रीडूंगरगढ़ का चेयरमैन रह चुके थे। एेसे में आगामी विधानसभा चुनावों में प्रबल दावेदार थे। उनका कुछ लोगों से रुपए का लेनदेन भी था। एेसे में पुलिस ने इन पहलुओं को भी जांच के दायरे में लिया है।