script72 घंटे में डेंगू पीड़ित तीन मरीजों की मौत, अब तक बारह की गई जान | Death of three patients suffering from dengue in 72 hours | Patrika News

72 घंटे में डेंगू पीड़ित तीन मरीजों की मौत, अब तक बारह की गई जान

locationबीकानेरPublished: Nov 11, 2018 08:54:54 am

Submitted by:

dinesh kumar swami

जिले में ७२ घंटे के दौरान डेंगू और बुखार से पीडि़त तीन जनों की मौत हो गई। इसके साथ ही डेंगू से पीडि़तों की मौत का आंकड़ा १२ तक पहुंच गया है।

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बीकानेर. जिले में ७२ घंटे के दौरान डेंगू और बुखार से पीडि़त तीन जनों की मौत हो गई। इसके साथ ही डेंगू से पीडि़तों की मौत का आंकड़ा १२ तक पहुंच गया है। स्वास्थ्य विभाग डूेंगू की रोकथाम के लिए प्रयास के दावे कर रहा है लेकिन उसका धरातल पर ज्यादा असर नहीं दिख रहा। रोजाना दर्जनों मलेरिया और डेंगू पीडि़त पीबीएम अस्पताल पहुंच रहे है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग सर्दी बढऩे और दीपावली पर धुआं के प्रदूषण के बाद मच्छरों की तादाद में कमी आने की उम्मीद लगाए बैठा है।
बीकानेर शहर की रामपुरा, आंबेडकर कॉलोनी, बंगलानगर, सहित कई क्षेत्रों में कई घरों में दर्जनों लोग बुखार से पीडि़त है, जिनकी जांच में प्लेटलेट्स कम आ रही है। एेसे मरीजों को डेंगू संभावित रोगी माने जा रहे है। रामपुरा बस्ती गली नंबर दो निवासी पूनमचंद गहलोत का १७ वर्षीय बेटा मयंक केन्द्रीय विद्यालय नंबर एक में ११वीं कक्षा में पढ़ता है। पिछले तीन-चार दिन से बुखार से पीडि़त था, जिसकी जांच में डेंगू की पुष्टी हुई।
पीबीएम अस्पताल में जांच में उसकी प्लेटलेट्स करीब ५५ हजार पाए जाने पर चिकित्सकों ने घर भेज दिया। परिजनों के मुताबिक अस्पताल से आने के अगले ही फिर तबियत बिगड़ गई। परिजन उसे पीबीएम अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन मौत हो गई।
हनुमान हत्था में भी पांच-छह दिन से बुखार पीडि़त एक युवक की शुक्रवार शाम को मौत हो गई। उसके भी डेंगू पीडि़त होने की आशंका थी। उधर, आंबेडकर कॉलोनी में दो बालिकाओं की भी बुखार व प्लेटलेट्स कम होने के चलते मौत हुई है। इनके परिजन शवों को
अपने पैतृक गांव सुरधना और नौखड़ा ले गए।
डेंगू खतरनाक, जीका में रिस्क कम
एसपी मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. आरपी अग्रवाल ने बताया कि डेंगू में भी तीन प्रकार होते हैं। हैमेरेजिक सिन्ड्रोम, शॉक और प्लेटलेट। इनमें डेंगू हैमेरेजिक सिन्ड्रोम और शॉक खतरनाक होते है। जिसे काबू कर पाना काफी मुश्किल होता है, जिनकी मौत दर ज्यादा रहती है। ऐसे में बुखार पीडि़त व्यक्ति हल्के में नहीं लेवें। चिकित्सक की सलाह
अनुसार उपचार लेवें। डॉ. अग्रवाल बताते हैं जीका वायरस डेंगू से कम खतरनाक है, इसमें मृत्युदर कम है। इसके सही वायरस की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। अब तक की जांच व रिपोर्ट्स के मुताबिक जीका वायरस प्रेग्नेंसी महिलाओं के लिए नुकसानदायक है।
स्कूलों व मोहल्लों में फोगिंग हो
बच्चों के बुखार पीडि़त होने के चलते आमजन में भय का माहौल बना हुआ है। आंबेडकर कॉलोनी, रामपुरा बस्ती निवासी दिनेश राणा ने स्कूलों फोगिंग कराने की मांग की है। उन्होंने बताया कि स्कूलों में बच्चों के बुखार पीडि़तों की संख्या बढ़ रही है। साथ ही जिन क्षेत्रों में बुखार पीडि़त सामने आ रहे हैं, वहां-वहां फोगिंग करानी चाहिए।
अब तक डेंगू के ४७४ मरीज रिपोर्ट
पीबीएम अस्पताल के मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. वीबी सिंह ने बताया कि शुक्रवार को ५८ मरीजों में डेंगू की आशंका के चलते जांच कराई गई। जिनमें से २२ में डेंगू की पुष्टी हुई है। शनिवार को १५२ और मरीजों में डेंगू की आशंका के चलते सैम्पल जांच के लिए भेजे गए हैं। अब तक ४७४ डेंगू पीडि़त रिपोर्ट हो चुके हैं, जिनमें से नौ की मौत हो चुकी है।
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