हनुमान हत्था में भी पांच-छह दिन से बुखार पीडि़त एक युवक की शुक्रवार शाम को मौत हो गई। उसके भी डेंगू पीडि़त होने की आशंका थी। उधर, आंबेडकर कॉलोनी में दो बालिकाओं की भी बुखार व प्लेटलेट्स कम होने के चलते मौत हुई है। इनके परिजन शवों को
अपने पैतृक गांव सुरधना और नौखड़ा ले गए।
एसपी मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. आरपी अग्रवाल ने बताया कि डेंगू में भी तीन प्रकार होते हैं। हैमेरेजिक सिन्ड्रोम, शॉक और प्लेटलेट। इनमें डेंगू हैमेरेजिक सिन्ड्रोम और शॉक खतरनाक होते है। जिसे काबू कर पाना काफी मुश्किल होता है, जिनकी मौत दर ज्यादा रहती है। ऐसे में बुखार पीडि़त व्यक्ति हल्के में नहीं लेवें। चिकित्सक की सलाह
बच्चों के बुखार पीडि़त होने के चलते आमजन में भय का माहौल बना हुआ है। आंबेडकर कॉलोनी, रामपुरा बस्ती निवासी दिनेश राणा ने स्कूलों फोगिंग कराने की मांग की है। उन्होंने बताया कि स्कूलों में बच्चों के बुखार पीडि़तों की संख्या बढ़ रही है। साथ ही जिन क्षेत्रों में बुखार पीडि़त सामने आ रहे हैं, वहां-वहां फोगिंग करानी चाहिए।
पीबीएम अस्पताल के मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. वीबी सिंह ने बताया कि शुक्रवार को ५८ मरीजों में डेंगू की आशंका के चलते जांच कराई गई। जिनमें से २२ में डेंगू की पुष्टी हुई है। शनिवार को १५२ और मरीजों में डेंगू की आशंका के चलते सैम्पल जांच के लिए भेजे गए हैं। अब तक ४७४ डेंगू पीडि़त रिपोर्ट हो चुके हैं, जिनमें से नौ की मौत हो चुकी है।