रूक्टा के प्रान्तीय महामंत्री डॉ. विजय कुमार ऐरी ने बताया कि कॉलेज प्राध्यापकों को वर्तमान में निदेशालय की ओर से प्रत्येक संकाय सदस्य पर ई कन्टेन्ट को अपलोड करने तथा नए-नए आदेश जारी होने से परेशानी उठानी पड़ रही है। ऐरी ने बताया कि शिक्षकों के सभी प्रकार के कार्यों की निगरानी प्राचार्य ही करते हैं तो ई कन्टेन्ट की निगरानी निदेशालय द्वारा किया जाना प्राचार्य के अधिकारों में अनावश्यक हस्तक्षेप की श्रेणी में आता है, जिसे तुरन्त ही बन्द किया जाना चाहिए।
रूक्टा की केन्द्रीय कार्यकारिणी के संयुक्त सचिव डॉ. अनन्त जोशी ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा 31 अगस्त तक सभी शिक्षण संस्थाएं बन्द रखने के निर्देश हैं, लेकिन पूरे प्रदेश के विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में शिक्षकों को प्रतिदिन उपस्थिति देने के लिए पाबंद किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्राध्यापकों की ओर से किए जाने वाले कार्य घर से भी संपादित किए जा सकते हैं, ऐसे में उन्हें वर्क फ्रोम होम की छूट मिलनी चाहिए। महाविद्यालय इकाई के सचिव डॉ. मोहम्मद हुसैन ने 31 अगस्त तक होने वाली सभी प्रतियोगिता परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग उठाई।
इस अवसर पर रूक्टा के सक्रिय सदस्य डॉ. विमल गौड़ तथा महिला संकाय सदस्यों सहित कॉलेज के विभिन्न संकायों के डीन, विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य एवं एनएसयूआई के पदाधिकारी भी सम्मिलित हुए। प्रदर्शन के बाद निजीकरण को बढ़ावा देने वाली एवं उच्च शिक्षा की अवहेलना करने वाली नई शिक्षा नीति को तुरन्त प्रभाव से वापस लिए जाने की मांग करते हुए कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. शिशिर शर्मा को उच्च शिक्षा मंत्री एवं निदेशक कॉलेज शिक्षा के नाम ज्ञापन सौंपा गया।