ब्लॉक सीएमएचओ डॉ. श्याम बजाज ने बताया कि अभी तक नोखा क्षेत्र में नौ डेंगू रोगी पाए गए हैं, इसमें नोखा शहर में पंकज, आशा देवी, विमला, राजकुमार, नरेंद्र देव, कौशल्या, पंकज, पवन व बंधाला की राजू देवी, चरकड़ा का रेवंतराम और कुरजड़ी का ओमप्रकाश शामिल हैं। इन डेंगू रोगियों का इलाज शुरु कराया गया है।
नोखा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शुक्रवार को नोखा ब्लॉक के सभी चिकित्सा कर्मियों की बैठक हुई। इसमें सीएमएचओ डॉ. बीएल मीणा मौसमी बीमारियों की रोकथाम व नियंत्रण पर चर्चा कर दिशा-निर्देश भी जारी किए। ब्लॉक सीएमएचओ डॉ. श्याम बजाज ने बताया कि डेंगू के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। डेंगू की रोकथाम के लिए छह टीमें गठित की गई हैं। ये टीमें सोमवार से शहर के ३५ वार्डों में जाकर एकसाथ स्क्रीनिंग करेंगी और आमजन को कई तरह की जानकारियां देंगी। बैठक में ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर दिनेश ने विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों की प्रगति से अवगत कराया। इस दौरान ब्लॉक के चिकित्सा अधिकारी व प्रसाविकाएं उपस्थित थी।
डॉक्टरों के मुताबिक डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। इन मच्छरों के शरीर पर चीते जैसी धारियां होती हैं। ये मच्छर खासकर सुबह काटते हैं। डेंगू जुलाई से अक्टूबर में ज्यादा फैलता है। इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं। डेंगू मच्छर के काटने से तेज बुखार आता है, इसका समय पर इलाज नहीं होने से मरीज की जान तक चली जाती है।
डॉ. बजाज ने बताया कि डेंगू का मादा मच्छर साफ ठहरे हुए पानी में पनपता है। घरों के अंदर खुली पानी की कुंडी, पाळसियां, पुराने टायर, मटकी, कूलर, फ्रीज के पीछे ट्रे के पानी में अंडे देता है। बाद में वहां से पूर्ण मच्छर बनकर उड़ता है और काटने से तेज बुखार आता है। डेंगू चिकनगुनिया व जीका एडिस एजिप्टी मच्छर के काटने से ही फैलता है। बुखार आने पर तुरंत अस्पताल में मरीज का इलाज कराएं।