इस्तीफे में भाटी ने बताया है कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष, प्रदेश संगठन महामंत्री सहित केन्द्रीय नेतृत्व के प्रकाश जावडे़कर व ओमप्रकाश माथुर को सांसद मेघवाल की पार्टी विरोधी गतिविधियों के बारे में चेताया था। इससे पहले बीकानेर के संगठन प्रभारी सतीश पूनिया को भी बताया था। भाटी ने आरोप लगाया कि भाजपा सांसद ने बीकानेर जिले में लूणकरनसर विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर हर विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के उम्मीदवारों के विरुद्ध प्रचार किया था। भाटी ने इस्तीफे में लिखा है, ‘भाजपा के आला नेताओं से बातचीत के बाद मुझे लगता है कि सांसद अर्जुनराम मेघवाल का टिकट व उम्मीदवारी तय है।
मेघवाल पर लगाया सीधा आरोप
भाटी ने इस्तीफे में आरोप लगाया है कि सांसद अर्जुनराम मेघवाल की कांग्रेस से मिलीभगत है। उन्होंने कहा, ‘मैं ही नहीं, भाजपा के कुछ नेताओं को छोड़कर पार्टी नेता व कार्यकर्ता भी यही कहेंगे कि अर्जुनराम मेघवाल की कांग्रेस नेताओं से गुप्त बैठकें व गतिविधियां चलती रहती हैं।
भाटी ने इस्तीफे में आरोप लगाया है कि सांसद अर्जुनराम मेघवाल की कांग्रेस से मिलीभगत है। उन्होंने कहा, ‘मैं ही नहीं, भाजपा के कुछ नेताओं को छोड़कर पार्टी नेता व कार्यकर्ता भी यही कहेंगे कि अर्जुनराम मेघवाल की कांग्रेस नेताओं से गुप्त बैठकें व गतिविधियां चलती रहती हैं।
पहले भी टूटा नाता
देवीसिंह भाटी का भाजपा से दूसरी बार नाता टूटा है। वर्ष २००३ में सामाजिक न्याय मंच से विधानसभा चुनाव मैदान में उतरने के कारण उनको पार्टी से निकाल दिया गया था। उन्हें वर्ष २००८ में हुए विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले पार्टी में शामिल किया गया था। भाटी वर्ष २००८ में फिर भाजपा के टिकट से विधायक चुने गए थे। इस बार उन्होंने स्वयं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है।
देवीसिंह भाटी का भाजपा से दूसरी बार नाता टूटा है। वर्ष २००३ में सामाजिक न्याय मंच से विधानसभा चुनाव मैदान में उतरने के कारण उनको पार्टी से निकाल दिया गया था। उन्हें वर्ष २००८ में हुए विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले पार्टी में शामिल किया गया था। भाटी वर्ष २००८ में फिर भाजपा के टिकट से विधायक चुने गए थे। इस बार उन्होंने स्वयं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है।
तीन बार भाजपा से विधायक
श्रीकोलायत विधानसभा क्षेत्र से देवीसिंह भाटी १९८० से २००८ तक सात बार विधायक चुने गए हैं। इसमें तीन बार १९९३, १९९८ और २००८ में भाजपा के टिकट पर विधायक रह चुके हैं। वे राज्य मंत्रिमण्डल में कई विभागों का कार्यभार संभाल चुके हैं।
श्रीकोलायत विधानसभा क्षेत्र से देवीसिंह भाटी १९८० से २००८ तक सात बार विधायक चुने गए हैं। इसमें तीन बार १९९३, १९९८ और २००८ में भाजपा के टिकट पर विधायक रह चुके हैं। वे राज्य मंत्रिमण्डल में कई विभागों का कार्यभार संभाल चुके हैं।
दबाव की राजनीति
बीकानेर लोकसभा क्षेत्र से अर्जुनराम मेघवाल का नाम भाजपा टिकट के लिए लगभग तय माना जा रहा है। शनिवार को दिल्ली में भाजपा की केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक है। इसके बाद जिन सौ उम्मीदवारों की घोषणा होनी है, उनमें अर्जुनराम मेघवाल का नाम रुकवाने के लिए देवी सिंह भाटी ने अपना अंतिम हथियार इस्तीफे के रूप में चलाया है। अभी भाटी का इस्तीफा पार्टी ने स्वीकार नहीं किया है। अब इंतजार बीकानेर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट की घोषणा का है।
बीकानेर लोकसभा क्षेत्र से अर्जुनराम मेघवाल का नाम भाजपा टिकट के लिए लगभग तय माना जा रहा है। शनिवार को दिल्ली में भाजपा की केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक है। इसके बाद जिन सौ उम्मीदवारों की घोषणा होनी है, उनमें अर्जुनराम मेघवाल का नाम रुकवाने के लिए देवी सिंह भाटी ने अपना अंतिम हथियार इस्तीफे के रूप में चलाया है। अभी भाटी का इस्तीफा पार्टी ने स्वीकार नहीं किया है। अब इंतजार बीकानेर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट की घोषणा का है।
भाजपा नेता मिलने पहुंचे भाटी के इस्तीफा देने के बाद भाजपा देहात जिलाध्यक्ष बिहारी बिश्नोई व भाजपा नेता सुरेन्द्र सिंह शेखावत उनसे मिलने उनके घर गए। शेखावत ने बताया कि भाटी से लोकसभा चुनावों को देखते हुए अपना निर्णय वापस लेने का आग्रह किया है।